Dubai workers stranded : झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिलों के 15 प्रवासी मजदूर दुबई में फंस गए हैं। इन मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो साझा करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि वे मसाई कॉन्ट्रैक्टिंग एल.एल.सी. कंपनी में काम करने के लिए गए थे, लेकिन पिछले तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है।वीडियो में मजदूरों ने बताया कि अब उनके पास खाने-पीने तक के पैसे नहीं बचे हैं।
हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और वे अपने वतन लौटना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि उनकी सकुशल वापसी के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं।सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने भी सरकार से इन मजदूरों की मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब झारखंड के प्रवासी मजदूर विदेश में फंसे हैं। इसके पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है जब मजदूरों को विदेश में शोषण का शिकार बनना पड़ा और फिर सरकार की मदद से उनकी वापसी करवाई गई।स्थिति और भी गंभीर तब हो जाती है जब प्रवासी मजदूरों की मौत विदेश में हो जाती है।
वर्तमान में बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के दो मजदूरों के शव सऊदी अरब और कुवैत में फंसे हुए हैं। वहीं, गिरिडीह के बगोदर थाना क्षेत्र के 5 मजदूर दो महीने पहले पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर में अगवा हो गए थे, जिनकी रिहाई अब तक नहीं हो सकी है।फंसे हुए मजदूरों के नाम: हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के विभिन्न गांवों से आए 15 मजदूरों में चुरामन महतो, कैलाश महतो, जगन्नाथ सिंह, त्रिलोकी महतो, बालेश्वर महतो, बैजनाथ महतो, महेंद्र महतो, सीताराम महतो, मूरत महतो, संजय कुमार महतो सहित अन्य शामिल हैं।सरकार और संबंधित एजेंसियों से इन मजदूरों की यथाशीघ्र सुरक्षित वापसी की मांग की जा रही है।