DAV BPL Students: जमशेदपुर के प्रतिष्ठित DAV पब्लिक स्कूल, बिस्टुपुर में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार के छात्र को दाख़िला देने से मना किए जाने पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला केवल एक प्रवेश का नहीं, बल्कि शिक्षा के मौलिक अधिकार और सामाजिक न्याय के दायरे में आता है। गरीब तबके से आने वाले इस छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने आरटीई (Right to Education) कानून के तहत आरक्षित सीट होने के बावजूद जानबूझकर दाख़िला देने से इनकार किया।
आरटीई कानून के अनुसार निजी स्कूलों को अपनी 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और बीपीएल परिवारों के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं। लेकिन, आरोप है कि DAV बिस्टुपुर ने इस कानून की अवहेलना करते हुए छात्र के सभी दस्तावेज़ों को खारिज कर दिया और उसे प्रवेश से वंचित कर दिया।
स्कूल की ओर से सफाई दी गई है कि दस्तावेज़ अधूरे थे और नियमों के तहत ही कार्य किया गया है। लेकिन परिजनों का दावा है कि उन्होंने राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र सहित सभी आवश्यक दस्तावेज़ समय पर जमा किए थे।