Dalma Sanctuary: जमशेदपुर के पास स्थित दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य में 5 मई को आदिवासी समुदाय द्वारा पारंपरिक विशु शिकार पर्व (सेंदरा) मनाया गया। हर वर्ष की तरह इस बार भी 4 मई को सेंदरा वीरों ने जंगल में प्रवेश से पहले पारंपरिक पूजा-अर्चना की।
हालांकि इस बार पर्व में भाग लेने वालों की संख्या में गिरावट देखी गई, जो वन विभाग की लगातार चल रही जागरूकता मुहिम और सख्ती का परिणाम माना जा रहा है।मुख्य वन संरक्षक नटेश कुमार स्वयं दलमा पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और बताया कि इस बार सेंदरा पर्व में किसी प्रकार के शिकार की सूचना नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश सेंदरा वीरों ने केवल पूजा-अर्चना कर अपनी परंपरा निभाई और जंगल के प्रति सम्मान दिखाया।वन विभाग ने सख्ती बरतते हुए पर्व के दौरान अभयारण्य में सैलानियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके।
विभाग ने गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया था, जिससे सेंदरा वीरों को वन्यजीवों के महत्व और संरक्षण के बारे में जानकारी दी गई।वन विभाग की यह पहल न सिर्फ दलमा क्षेत्र के वन्यजीवों के लिए राहत लेकर आई, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत भी है।