Dalma Eco Sensitive Protest: दलमा क्षेत्र को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने और उसके संभावित प्रभावों के विरोध में कोल्हान के हजारों ग्रामीणों ने मंगलवार को जोरदार जनविरोध प्रदर्शन किया। दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में पटमदा, चांडिल, बोड़ाम, डिमना, पारडीह, गालूडीह, घाटशिला, मुसाबनी समेत सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण शामिल हुए।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर नारे लगाए — “हम वनवासी हैं, बेघर नहीं होंगे, जंगल हमारा है, उजाड़ा नहीं जाएगा”। आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि दलमा क्षेत्र को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित करने से उनका जीवन, परंपरा, संस्कृति और अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वन विभाग जानबूझकर उन्हें व्यक्तिगत वन पट्टा नहीं दे रहा है, जबकि वे पीढ़ियों से उस जमीन पर रह रहे हैं।
बार-बार दस्तावेज़ की मांग कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों ने सवाल उठाया कि जब वन अधिकार अधिनियम (Forest Rights Act) देश में लागू है, तो फिर पीढ़ियों से जंगलों में रह रहे समुदायों को उजाड़ने की कोशिश संविधान के किस अनुच्छेद के तहत की जा रही है?ग्रामीणों ने कहा कि यह सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि पहचान, संस्कृति और जीवन के अधिकार का मामला है। यदि उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।