Bribe Trap Seraikela: रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया राजस्व कर्मचारी, आदिवासी खतियानधारी की शिकायत से खुला मामला

सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत चांडिल अनुमंडल क्षेत्र से एक बड़े भ्रष्टाचार मामले का भंडाफोड़ हुआ है। सरकारी कार्यालयों में व्याप्त घूसखोरी के विरुद्ध यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB), जमशेदपुर की ओर से की गई, जिसमें राजस्व कर्मचारी शनि बर्मन को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
आदिवासी खतियानधारी से मांगी गई थी रिश्वत
यह कार्रवाई उस समय हुई जब राजेश हेम्ब्रम, जो कि एक आदिवासी खतियानधारी हैं, ने अंचल कार्यालय में पंजी-2 (भूमि अभिलेख) में अपने नाम की ऑनलाइन प्रविष्टि के लिए घूस मांगे जाने की शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद ACB की टीम ने जाल बिछाया और जैसे ही कर्मचारी ने घूस ली, उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
पूछताछ जारी, भ्रष्टाचार के और मामलों की आशंका
ACB ने आरोपी शनि बर्मन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वे यह जांच कर रहे हैं कि क्या यह मामला किसी बड़े घोटाले या रैकेट का हिस्सा है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी इस प्रकार के भ्रष्टाचार में संलिप्त हो सकते हैं।
जनता में विश्वास, प्रशासन में हड़कंप
इस कार्रवाई से सरायकेला जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है, वहीं आम नागरिकों में विश्वास का संचार हुआ है। लंबे समय से सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार का सामना कर रहे लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों से प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार आएगा।
आदिवासी समाज के साथ अन्याय पर सवाल
यह घटना विशेष रूप से संवेदनशील इसलिए भी है क्योंकि इसमें एक आदिवासी नागरिक के अधिकारों का हनन किया गया। पहले से हाशिये पर मौजूद आदिवासी समुदाय के साथ इस तरह की घटनाएं सामाजिक न्याय और समानता की भावना के खिलाफ हैं।
सरकार और प्रशासन से यह सवाल अब और भी मजबूती से उठता है कि आम जनता को बिचौलियों और रिश्वतखोरों से कब मुक्ति मिलेगी? और क्या ऐसी कार्रवाइयों को नियमित और प्रणालीगत बनाया जाएगा?