BJP Leadership: शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की झारखंड यात्रा ने सत्ता समीकरण में हलचल पैदा कर दी है। गुरुवार को शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से अकेले में लंबी चर्चा की, जिसमें पार्टी संगठन की स्थिति, वर्तमान राजनैतिक हालात और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर बात की गई। इस मुलाकात को भाजपा के आगामी प्रदेश अध्यक्ष के चयन की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है

संगठनात्मक चर्चाएं और कयास
मुलाकात के बाद अमित शाह ने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से भी बैठक की, जिनमें शामिल हैं—प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह भी शामिल थे। इससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर सक्रिय है और नेताओं से राय‑शुमारी की जा रही है।
पांच नामों की चर्चा — कौन है शामिल?

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस समय पांच के नाम की सूची सबसे चर्चा में है, जिसमें एक राज्यसभा सांसद, एक लोकसभा सांसद और दो विधायक शामिल हैं। इस सूची में प्रमुख रूप से उम्मीदवार मनीष जयसवाल (लोकसभा सांसद, हज़ारिबाग) और रघुवर दास (पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद) शामिल हैं । इसके अलावा पार्टी की नाराज़ी को कम करने हेतु आदित्य साहू (राज्यसभा सांसद), और दो विधायक—सी.पी. सिंह व प्रदीप वर्मा —पर भी विचार चल रहा है।
क्यों अब इन नामों पर भरोसा?
अमित शाह-बीएल संतोष के झारखंड दौरे के बाद पार्टी में कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिली है, इसलिए इन नामों को संभावित नियुक्ति के रूप में देखा जा रहा है। इनमें से तीन सांसद हैं—मनीष जयसवाल, आदित्य साहू, रघुवर दास—जो लोकसभा और राज्यसभा अनुभव से लैस हैं, जबकि सीपी सिंह और प्रदीप वर्मा पार्टी की जमीनी स्थिति को मजबूत करने का काम करते रहे हैं।
अगले कदम क्या होगा?
एक माह के भीतर प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की उम्मीद जताई जा रही है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष ने भी हाल में झारखंड में राय‑शुमारी की थी, जो संकेत देगा कि पार्टी किस दिशा में अग्रसर है। प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद राज्य संगठन की ढांचागत मजबूती, आगामी स्थानीय एवं विधानसभा चुनाव में यह भूमिका और अहम होगी।