Bihar: जिस बात की पहले से ही आशंका थी, आखिर हुआ भी वही। दिल्ली में चल रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। यानी अब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद के साथ राष्ट्रीय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहेंगे। ललन सिंह के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठ रहा है कि नीतीश कुमार ललन सिंह जैसे करीबी से आखिर इतने भयभीत क्यों हो उठे थे। भरोसा तो उन्हें इनके ही प्रयासों से बनाये गये इंडी गठबंधन पर भी नहीं है। क्योंकि इनके तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें गठबंधन में अब तक वह तवज्जो नहीं मिल रही जो उन्हें मिलनी चाहिए थे। जबकि उनकी पार्टी ने इंडी गठबंधन में उन्हें ‘सर्वेसर्वा’ बनवाने के लिए न जाने क्या-क्या प्रपंच कर डाले हैं। यह बात भी किसी से छुपाने की नहीं है।
आज जो भी हो रहा है वह नीतीश कुमार की अस्थिर राजनीतिक मानसिकता का ही नतीजा है। पहले तो उन्होंने अच्छी-भली चल रही एनडीए सरकार से किनारा किया और अब वह जिस दल के साथ बिहार की सत्ता चला रहे हैं, उसे भी संशय की निगाहों से देख रहे हैं। बात करे ललन सिंह की। तो ललन सिंह अब जनता दल (युनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं। खबर तो यह थी कि ललन सिंह से पहले ही इस्तीफा ले लिया गया है। फिर भी एक तरफ नीतीश कुमार और दूसरी तरफ ललन सिंह लोगों को व्यर्थ का यकीन दिलाने का प्रयास कर रहे थे कि जदयू में सबकुछ ठीक चल रहा है। अब तो सारी बातें सामने आ गयी हैं और अब नीतीश कुमार बिहार का मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी पार्टी के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गये हैं।
आज जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार और ललन सिंह अगल-बगल में बैठे हुए थे। लेकिन दोनों के हाव-भाव से ऐसा कहीं नहीं लग रहा था कि दोनों के बीच में कोई नजदीकी है। नीतीश का चेहरा बयां कर रहा था कि उनके मन में बहुत कुछ चल रहा है।
क्या वाकई ललन सिंह से नाराज हैं नीतीश कुमार?
कुछ दिनों से यह सवाल उठ रहा था कि क्या नीतीश कुमार वाकई ललन सिंह से नाराज हैं। तो कुछ संशय रहते हुए भी इसका जवाब ‘हां’ है। राजनीतिक गलियारों में जो खबर है उसके अनुसार तो यही लगता है कि नीतीश कुमार ललन सिंह से नाराज हैं। इसके दो कारण बताये जा रहे हैं। पहला कारण ललन सिंह की राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेताओं से बढ़ती नजदीकियां बढ़ रही हैं। वहीं नीतीश कुमार के साथ लगभग हर बैठक में मौजूद रहने के बावजूद इंडी गठबंधन में पार्टी की ओर से ललन सिंह सही तरीके से पक्ष नहीं रख पा रहे है। माना जा रहा है कि इन दोनों कारणों से ललन सिंह नीतीश कुमार की नजरों में अपनी विश्वसनीयता खो रहे हैं। एक बात और, 2024 का लोकसभा चुनाव ललन सिंह मुंगेर से लड़ना चाहते हैं। यह बात भी नीतीश को कितनी बुरी लगी है, यह तो वही बता पायेंगे। खैर, जो भी हो, जो भी बातें उठ रही हैं, और उन बातों पर जिन पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है, आने वाले दिनों में उस पर से पर्दा उठेगा ही।
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