Beef biryani: मब्बी थाना क्षेत्र के शीशो रोड स्थित होटल में ग्राहक मो. राशिद ने मटन बिरयानी का ऑर्डर दिया था, लेकिन उनका आरोप है कि परोसी गई बिरयानी बीफ की थी। जब उन्होंने विरोध दर्ज कराया तो मामला गरमाता गया और बात गाली-गलौज से होते हुए हाथापाई तक पहुंच गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।पीड़ित राशिद ने 16 मई को थाने में होटल के कर्मियों सद्दाम, दानिश फरीद, शोएब खान, जिशान, तुफैल खान सहित दो दर्जन अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
वहीं होटल के पक्ष से मो. तुफैल ने भी राशिद और उनके साथियों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस होटल में खाने को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन स्टाफ की दबंगई के कारण कोई आवाज़ नहीं उठा पाता। नगर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार के अनुसार, होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।यह घटना सिर्फ एक बिरयानी विवाद नहीं है, बल्कि यह हमारे सामाजिक ढांचे में फैले असंवेदनशीलता, धार्मिक आस्था के उल्लंघन और कानून व्यवस्था की कमजोरी का प्रतीक बन चुकी है।
होटल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अगर खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन होगा और ग्राहक की शिकायत पर जवाब में हिंसा होगी, तो यह ना सिर्फ कानून का अपमान है, बल्कि नागरिक अधिकारों का सीधा हनन है।अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस की जांच कितनी पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।
क्या सीसीटीवी फुटेज वास्तव में सच्चाई उजागर कर पाएंगे? और क्या दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिल पाएगी या मामला एक और कागजी कार्रवाई बनकर रह जाएगा?