Phoolon Ki Holi/जमशेदपुर : जुगसलाई में इस वर्ष भी वृंदावन की तर्ज पर फूलों की होली का भव्य आयोजन किया जाएगा। मानव कल्याण सेवा समिति के तत्वावधान में 14 मार्च को राम टेकरी मंदिर से राधा-कृष्ण की जीवंत झांकी निकलेगी, जो पूरे जुगसलाई के मुख्य मार्गों का भ्रमण करेगी। इस दौरान श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में झूमते-गाते भगवान के भजनों पर थिरकते नजर आएंगे। होली के इस विशेष आयोजन में हजारों भक्त फूलों और इत्र के साथ होली खेलेंगे, जिससे धार्मिक आस्था और उल्लास का माहौल बनेगा।
जल संरक्षण और पर्यावरण बचाने की अनूठी पहल
फूलों की होली का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को जल संरक्षण और पर्यावरण बचाने का संदेश देने के लिए भी किया जा रहा है। समिति के आयोजकों ने बताया कि पारंपरिक रंगों और पानी से होली खेलने से जहां जल संकट गहराता है, वहीं कई तरह की हानिकारक रंगों से त्वचा और स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए फूलों की होली को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि त्योहार की खुशी में पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
सभी वर्गों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा कार्यक्रम
इस विशेष आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर महिलाएं और बुजुर्ग पारंपरिक होली में शामिल होने से हिचकते हैं, लेकिन फूलों की होली में सभी उमंग और उल्लास के साथ भाग लेते हैं। आयोजकों के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में इस आयोजन की लोकप्रियता बढ़ी है और अब यह पूरे जमशेदपुर में एक परंपरा का रूप ले चुका है।
मटकी फोड़ कार्यक्रम रहेगा मुख्य आकर्षण
होली के इस खास आयोजन में मटकी फोड़ कार्यक्रम भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। भगवान श्रीकृष्ण की लीला का प्रदर्शन करते हुए युवाओं की टोलियां दही हांडी फोड़ने की परंपरा निभाएंगी। इसके लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं, जिससे भक्तजन इस कार्यक्रम का आनंद उठा सकें।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। साथ ही, कार्यक्रम में शामिल होने वाले भक्तों के लिए प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गई है।
होली का बदला अंदाज, नई परंपरा का शुभारंभ
समिति के एक सदस्य ने बताया कि पहले होली के दिन लोग रंगों और पानी की वजह से घर से बाहर निकलने में हिचकते थे, लेकिन फूलों की होली ने इस धारणा को बदल दिया है। अब महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी मिलकर टोली बनाकर इस पावन आयोजन में भाग लेते हैं। यह आयोजन न सिर्फ भक्ति और उल्लास का संगम है, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी प्रतीक बन चुका है।इस बार 14 मार्च को पूरे जुगसलाई में एक नई उमंग और श्रद्धा के साथ फूलों की होली मनाई जाएगी, जहां भक्तजन भगवान कृष्ण और राधा रानी के साथ भक्ति रस में डूबकर इस अलौकिक अनुभव का आनंद लेंगे।