संविदा शिक्षक संघ ने वेतन भुगतान की मांग की, आर्थिक तंगी से परिवारों में निराशा
Kolhan University/जमशेदपुर, 12 मार्च: कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत आवश्यकता आधारित शिक्षक (गेस्ट फैकल्टी) इस बार होली का त्योहार बेरंग मनाने को मजबूर हैं। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश पांडे ने बयान जारी कर कहा कि शिक्षकों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला, जिससे वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इस स्थिति में न तो वे अपने परिवार के लिए कुछ खरीद पा रहे हैं और न ही त्योहार की खुशियों में शामिल हो पा रहे हैं।
श्री पांडे ने विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेहनत से पढ़ाने के बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा।” उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग का आर्थिक शोषण किया जा रहा है, और इस स्थिति में वे अपने परिवार के सामने खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
वेतन नहीं, तो होली कैसे मनाएं?
शिक्षकों का कहना है कि वेतन के बिना रंग-गुलाल, मिठाई और पटाखे खरीदना भी मुश्किल हो गया है। वे अपने बच्चों की छोटी-छोटी इच्छाएं भी पूरी नहीं कर पा रहे, जिससे घर के माहौल में उत्साह की बजाय निराशा छाई हुई है।एक संविदा शिक्षक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम बच्चों से क्या कहें? हर साल उनके लिए मिठाई और कपड़े लाते थे, लेकिन इस बार हम असमर्थ हैं। वेतन न मिलने से घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है।”
संविदा शिक्षक संघ ने वेतन भुगतान की मांग की
संविदा शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द वेतन भुगतान करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष राकेश पांडे ने कहा कि अगर जल्द वेतन नहीं दिया गया तो शिक्षक आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।उन्होंने कहा, “हम सिर्फ अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं। अगर हमें समय पर वेतन नहीं मिलेगा, तो कैसे जीविका चलाएंगे?”
प्रशासन की चुप्पी से बढ़ी नाराजगी
शिक्षकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उनका कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या रखेंगे और विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
अगला कदम क्या होगा?
अब देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है। यदि जल्द वेतन जारी नहीं हुआ तो शिक्षकों का आक्रोश बढ़ सकता है और वे आंदोलन या हड़ताल करने को मजबूर हो सकते हैं। संविदा शिक्षक संघ ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।