देश में हर वर्ष लाखों युवा डॉक्टर बनने का सपना लिये नीट परीक्षा की तैयारी करते हैं। जिसमें तकरीबन 1 लाख युवा ही देश की एमबीबीएस सीटों पर दाखिला पाने में समर्थ होते हैं। नीट में सफल बाकी 10-12 लाख युवाओं को एमबीबीएस के लिए दूसरे विकल्प तलाशने पड़ते हैं। जैसे देश के निजी कॉलेजों में दाखिले की बात की जाए तो करीब 1.2 करोड़ रुपये एमबीबीएस फीस लगती है। ये फीस पिछले 15 साल में 4 गुना तक बढ़ गई है। इसलिये भारतीय युवा विदेश से एमबीबीएस करने की सोचते हैं। क्योंकि विदेशों में न सिर्फ एमबीबीएस की फीस सस्ती है बल्कि एब्रॉड में प्रक्टिस करने का मौका भी मिलता है। अगर हम रूस की बात करें तो यहां की एमबीबीएस फीस भारत के निजी कॉलेजों की एमबीबीएस फीस के मुकाबले 3 गुना कम है। भारत में जहां 80 लाख से 1.2 करोड़ फीस लगती है वहीं रूस में आप 25-30 लाख में पूरी एमबीबीएस खत्म कर सकते हैं।
इसके अलावा रूस जाने कारण और भी हैं
- भारत और रूस के बीच बेहतर संबंध
- रूस के मेडिकल कॉलेज भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से मान्यता प्राप्त है।
- भारत में पीसीबी से 12वीं पास युवा और नीट क्वालीफाई होने पर रूस की यूनिवर्सिटी में गारंटीड एडमिशन
- रूस से एमबीबीएस करने के बाद हजारों छात्रों ने भारत में डॉक्टरी शुरू की है।
- रूस में एमबीबीएस कोर्स के लिए भारतीय छात्र 1969 से जा रहे हैं।
- मौजूदा समय में तकरीबन 14 हजार भारतीय छात्र रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।