इधर लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य की चर्चाओं के बीच उनके सियासी वारिस के बारे में कयास लगते रहते हैं. आईएएस से नेता बने आरसीपी सिंह को कभी नीतीश कुमार का सियासी उत्तराधिकारी कहा जाता था लेकिन 2022 में वे जदयू से अलग हो गए. उसके बाद ललन सिंह और संजय झा के नाम चले लेकिन मंगलवार को एक ऐसे शख्स ने जनता दल (यूनाइटेड) में एंट्री ली है जिसके बाद पुराने नामों पर विराम लगता सा दिख रहा है. पटना में जेडीयू के भीतर गहमागहमी है और कयासों का नया दौर शुरू हो गया है. 9 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी मनीष कुमार वर्मा जेडीयू में शामिल हो गए.
![CM के कहने पर छोड़ दिया IAS का पद, ये शख्स हो सकता है सियासी वारिस! 18](https://thesocialbharat.com/wp-content/uploads/2024/07/20240709-PAT-SK-MN-Sanjay-Jha-01-0_1720586627437_1720586641379.webp)
कौन हैं मनीष कुमार वर्मा
आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे मनीष वर्मा अपने दूसरे प्रयास में सन 2000 में आईएएस अफसर बने. उनको ओडिशा कैडर मिला था. वहां 12 साल तक सर्विस करने के बाद उन्होंने पिता के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए 2012 में अपने गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति की मांग की थी. बिहार पहुंचने के बाद वो पटना और पूर्णिया के डीएम बने. राज्य की बिजली कंपनियों का नेतृत्व किया और 2021 में उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त हो गई लेकिन कहा जाता है कि नीतीश कुमार के साथ रहने के लिए उन्होंने सिविल सेवा से वीआरएस ले लिया. उसके बाद उनको बिहार आपदा प्रबंधन अथॉरिटी का सदस्य बनाया गया. 2022 में उनको सीएम का एडवाइजर (इंफ्रास्ट्रक्चर) बनाया गया. जेडीयू में शामिल होने से पहले उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.