Ichagarh Police Row: सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ थाना प्रभारी की कार्यशैली इन दिनों चर्चा में है। आरोप है कि थाना क्षेत्र में चौकीदारों को हाथ में डंडा लेकर संदेहास्पद वाहनों की जांच करते देखा जा रहा है, जबकि यह कार्य केवल पुलिस कर्मियों का होता है।
चौंकाने वाला खुलासा—थाना प्रभारी का नाम नहीं पता
वाहन जांच के दौरान चौकीदारों से जब थाना प्रभारी का नाम पूछा गया, तो एक चौकीदार ने पहले मोबाइल में देखकर नाम बताया। चौकीदार कला चंद कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई बड़े बाबू विक्रम आदित्य पांडे के आदेश पर की जा रही है, जिसमें बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों को पकड़ा जा रहा है। हालांकि, चौकीदारों के पास कानूनी रूप से वाहन जांच का अधिकार नहीं होता, उनका कार्य केवल सुरक्षा और निगरानी तक सीमित है।
नक्सली गतिविधियों का खतरा फिर बढ़ा
हाल ही में कोल्हान के पूर्व डीआईजी ने इस जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया था, लेकिन बीते दिनों खरसावां और आसपास के क्षेत्रों में आईईडी बम बरामद होने की घटनाओं ने ग्रामीणों में चिंता बढ़ा दी है। हफ्ते में दो बार ऐसे विस्फोटक मिलने के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया गया, जिस पर जांच जारी है।
अवैध बालू खनन पर भी सवाल
ईचागढ़ थाना क्षेत्र लंबे समय से अवैध बालू खनन के लिए बदनाम है। खनन विभाग कई बार छापेमारी कर हाइवा, ट्रैक्टर और अवैध बालू भंडारण जब्त कर चुका है, लेकिन इस कारोबार पर अब तक पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है।
ग्रामीणों की नाराजगी और प्रशासन से उम्मीदें
स्थानीय ग्रामीण थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं और मानते हैं कि पुलिस को अपनी प्राथमिकता नक्सली गतिविधियों और अवैध खनन पर केंद्रित करनी चाहिए। अब नजरें जिले के कप्तान मुकेश कुमार लुणायत पर हैं कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।