Tribal Day 2025: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में किया जाएगा। आयोजन आदिवासी छात्र एकता के बैनर तले होगा, जिसकी शुरुआत झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर की जाएगी।
2007 से लगातार जारी परंपरा‚ इस बार सादगी के साथ आयोजन
आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन 2007 से नियमित रूप से किया जा रहा है। हालांकि इस बार केंद्रीय समिति ने इसे सादगीपूर्ण ढंग से मनाने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट है – आदिवासी अस्मिता, अधिकार और विचारों को जन-जन तक पहुंचाना।
दिशोम गुरु के संघर्ष पर होगा विशेष वक्तव्य
कार्यक्रम के प्रारंभ में आदिवासी छात्र एकता के एक पदाधिकारी द्वारा शिबू सोरेन के आंदोलन, संघर्ष और जीवनी पर विशेष भाषण दिया जाएगा। यह वक्तव्य युवाओं के लिए प्रेरणादायक होगा और आदिवासी इतिहास को जानने का अवसर प्रदान करेगा।
सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित होगी सभा‚ शिक्षा मंत्री के स्वास्थ्य लाभ की कामना
इस अवसर पर सभा में सरना कोड, पेसा कानून, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013, लैण्ड बैंक, CNT-SPT एक्ट, और विल्किंसन नियम जैसे अहम विषयों पर सामाजिक चिंतक, छात्र नेता और वक्ता अपने विचार साझा करेंगे।
साथ ही झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के जल्द स्वस्थ होने की सामूहिक कामना भी की जाएगी।
सशक्त उपस्थिति के संकेत‚ कई प्रमुख चेहरे होंगे शामिल
इस आयोजन की तैयारियों को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में कई प्रमुख आदिवासी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:
इन्द्र हेम्ब्रम, हेमेन्द्र हाँसदा, हरिमोहन टुडु, नन्दलाल सरदार, राज बाँकिरा, गुरुचरण सोरेन, चन्द्राय मार्डी, प्रभाकर हाँसदा, फागु हौंसदा, स्वपन सरदार, सकला मार्डी, गाँधी माहली, मिठुन मुर्मू, रायसेन टुडु, देवा सिंह, दुलाल हाँसदा, खदाय मांझी, रामचन्द्र हेम्ब्रम आदि।
संदेश स्पष्ट – अधिकार, अस्मिता और एकजुटता
यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक दिवस नहीं‚ बल्कि आदिवासी अस्मिता, हक़ और भविष्य को लेकर समाज को जोड़ने वाला एक मंच है। आयोजक चाहते हैं कि अधिक से अधिक युवा, नागरिक और जन प्रतिनिधि इस आयोजन में भाग लें और एक मजबूत सामाजिक संदेश दें।