Jharkhand Betrayed Deal: झारखंड की राजनीति में रविवार को एक बार फिर तीखे तेवर देखने को मिले, जब आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने एक प्रेस वार्ता कर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। स्थानीय परिसदन में आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस ने राज्य गठन के मुद्दे पर सौदेबाजी की, जबकि आजसू पार्टी ने संघर्ष किया।
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि, “यदि 1993 में सौदेबाजी न हुई होती, तो झारखंड राज्य उसी समय बन गया होता।” उन्होंने इसे झारखंड की आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात बताया।

विकास योजनाओं पर उठाए सवाल, नगर निकाय चुनाव में देरी का आरोप
आजसू नेता ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार केवल योजनाओं के नाम बदलने में लगी है, जबकि धरातल पर विकास का कोई कार्य नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चार महीनों से विकास पर कोई खर्च नहीं किया गया है और सरकार केवल पैसे की जुगाड़ में लगी हुई है।
प्रवीण प्रभाकर ने नगर निकाय चुनावों में जानबूझकर देरी करने का भी आरोप लगाया और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।
ओबीसी को 27% आरक्षण की मांग
प्रेस वार्ता में प्रवीण प्रभाकर ने ओबीसी समुदाय को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की जोरदार मांग की। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक आवश्यक कदम है और सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं है।
‘अटल क्लिनिक’ का नाम बदलने पर जताया विरोध
प्रवीण प्रभाकर ने ‘अटल क्लिनिक’ का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर रखे जाने के प्रयासों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे दोनों महान हस्तियों का अपमान बताया और कहा कि इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने सरकार पर बिना योजना के कार्यों में उलझने का आरोप लगाया।
पार्टी के अन्य नेता भी रहे मौजूद
प्रेस वार्ता में संजय सिंह, परवाज खान, अप्पू तिवारी, देवाशीष चट्टोराज और अभय सिंह सहित पार्टी के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। सभी ने सरकार की कार्यशैली पर असंतोष जताया और आगामी समय में जनआंदोलन की चेतावनी दी।