Water Crisis Jharkhand: सरायकेला-खरसावां (झारखंड) के चांडिल प्रखंड अंतर्गत आंसानबनी पंचायत के शहरबेड़ा गांव स्थित सीमागोड़ा टोला में विगत छह महीनों से भीषण जल संकट बना हुआ है। इस क्षेत्र में स्थापित सोलर चालित जलमीनार पूरी तरह से खराब पड़ा है, जिसके कारण टोले के छह संथाली परिवार स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं और पुराने कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हो गए हैं।
मुखिया फंड से बना जलमीनार‚ छह महीने से बंद
ग्रामीणों के अनुसार, यह जलमीनार मुखिया फंड से स्थापित किया गया था और सौर ऊर्जा से संचालित होता है। लेकिन बीते छह महीनों से यह सिस्टम पूरी तरह से बंद पड़ा है। मरम्मत या रखरखाव के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है। इस स्थिति में टोले में मौजूद एकमात्र सरकारी हैंडपंप भी कुछ समय पहले खराब हो चुका है।
निजी हेडपंप बना विकल्प‚ लेकिन पानी की समस्या बरकरार
स्थानीय निवासी कृष्ण मंडी ने बताया कि कभी-कभी ग्रामीण रबी रवि मांझी के घर स्थित निजी हेडपंप से पानी भरकर लाते हैं। हालांकि यह विकल्प सभी ग्रामीणों के लिए हमेशा सुलभ नहीं है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी शुरू होने से पहले जल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा हैंडपंप की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों में वह फिर से खराब हो गया।
डायरिया का खतरा बढ़ा‚ प्रशासन से कार्रवाई की मांग
इन हालातों के बीच टोले में डायरिया के कुछ मामले भी सामने आए हैं, जिससे ग्रामीणों का स्वास्थ्य जोखिम में पड़ गया है। गंदा और असुरक्षित पानी पीने के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से तत्काल जलमीनार की मरम्मत कराकर नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए यह आवश्यक है कि जल संकट से जूझ रहे सीमागोड़ा टोला के निवासियों की समस्याओं को शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि उन्हें स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल सके।