Civic Crisis Kapali: सरायकेला-खरसावां ज़िले के अंतर्गत आने वाले कपाली नगर परिषद क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं की बदहाली को लेकर स्थानीय जनता में भारी आक्रोश है। क्षेत्र में फैली गंदगी, जलजमाव और टूटी सड़कें आम जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं, लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
जनता त्राहिमाम‚ लेकिन कोई सुनवाई नहीं
रांची लोकसभा के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री संजय सेठ, इचागढ़ की विधायक सबिता महतो, सरायकेला-खरसावां जिले की उपायुक्त और कपाली नगर परिषद — सभी जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस स्थिति से अवगत होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सके हैं। परिणामस्वरूप, स्थानीय लोग आए दिन गंदगी, जलजमाव और बीमारियों से जूझने को मजबूर हैं।
मौके से समाजसेवी का बयान, जनता की आवाज़ बुलंद
स्थानीय समाजसेवी एस.पी. भाई ने स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि “कपाली क्षेत्र में रहना अब लोगों के लिए नर्क जैसा हो गया है। कूड़े के ढेर, नालियों की सफाई न होना, पानी की निकासी न होना — ये सब रोज़ की समस्या बन चुकी है। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।”उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थानीय लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
प्रशासनिक उदासीनता बनी समस्या की जड़
नगर परिषद कपाली की निष्क्रियता को लेकर भी आम नागरिकों में भारी असंतोष है। साफ-सफाई, सड़क मरम्मत, ड्रेनेज जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में क्षेत्र की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की प्रशासनिक उपेक्षा से न केवल जनता का भरोसा टूट रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संकट भी पैदा हो रहा है।