Adityapur Child Labor: आदित्यपुर में श्रम विभाग की छापेमारी‚ चार बाल मजदूर मुक्त
सरायकेला जिले के आदित्यपुर क्षेत्र में बाल श्रम कानून के उल्लंघन का एक और मामला सामने आया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर श्रम विभाग ने सोमवार को सुजुकी सर्विस सेंटर और एक चारपहिया रिपेयरिंग गैरेज में औचक छापेमारी कर चार नाबालिग बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इनमें से कुछ बच्चों की उम्र 14 वर्ष से भी कम पाई गई है — जो कि स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।

उपायुक्त के निर्देश पर चला अभियान
यह कार्रवाई सरायकेला उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह के निर्देश पर की गई, जिनके आदेश पर श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। यह टीम आदित्यपुर के विभिन्न शोरूम, ढाबा, गैरेज और वर्कशॉप में बाल श्रम को लेकर छापेमारी कर रही है।

कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अगली कार्रवाई
मुक्त कराए गए चारों बच्चों को बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उनके माता-पिता या अभिभावकों को भी सूचित किया जा रहा है, ताकि उन्हें सरकार की पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा जा सके। बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सरकारी सेवाओं से जोड़कर एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।

संयुक्त टीम की मौजूदगी में हुई कार्रवाई
छापेमारी के दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्य सैयद अयाज हैदर, युवा संस्था से मुकेश पांडेय, चाइल्ड हेल्पलाइन से विश्वाजीत सिंह, डालसा के पीएलवी सुखरंजन, जिला बाल संरक्षक पदाधिकारी संतोष ठाकुर और स्थानीय पुलिस बल मौजूद थे। यह संयुक्त टीम विभिन्न स्थानों पर लगातार नजर बनाए हुए है और बाल श्रम से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई का संदेश दे रही है।
बाल श्रम के खिलाफ सरकार का सख्त रुख
भारत में बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में कार्य कराना कानूनन अपराध है। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार बाल अधिकारों के उल्लंघन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।