Jharkhand Voter Check: बिहार के बाद अब झारखंड में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया जाएगा। यह प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर लागू की जा रही है, जिसके तहत 2003 के बाद जिन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जुड़े हैं, उन्हें अपने पहचान पत्रों के ज़रिए दोबारा पहचान सत्यापित करानी होगी। जमशेदपुर में डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी ने शुक्रवार को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इसकी जानकारी साझा की।
बीएलओ और बीएलए निभाएंगे अहम भूमिका
चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाताओं के घर-घर जाकर जांच करेंगे। उनके साथ ही मान्यता प्राप्त दलों के कार्यकर्ता बूथ लेवल एजेंट (BLA) के रूप में नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें बूथवार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। बीएलओ को विधानसभा स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जो 7 जुलाई से शुरू हो चुका है। प्रत्येक दिन 50 BLO सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शुक्रवार को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के BLO को धालभूम अनुमंडल कार्यालय में प्रशिक्षित किया गया।
यह 11 दस्तावेज मान्य होंगे‚ एक प्रस्तुत करना अनिवार्य
मतदाता को निम्न में से कोई भी एक दस्तावेज बीएलओ को प्रस्तुत करना होगा:
केंद्र/राज्य सरकार या PSU का कर्मचारी पहचान पत्रपासपोर्टजन्म प्रमाण पत्र
(प्राधिकारी द्वारा जारी)मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाण पत्र
राज्य सरकार द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्रवन अधिकार प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र (SC/ST/OBC/अन्य)परिवार रजिस्टरभूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्रराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से दस्तावेज
सार्वजनिक क्षेत्र संस्थानों से जारी कोई दस्तावेज (1987 से पहले)सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी‚ आधार व राशन कार्ड भी हो सकते हैं मान्य
10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में बिहार के मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले की सुनवाई के दौरान आधार कार्ड, वोटर ID और राशन कार्ड को आवश्यक दस्तावेजों की सूची में शामिल करने की सलाह दी गई। यदि निर्वाचन आयोग इस सलाह को स्वीकार करता है, तो इन तीनों पहचान पत्रों की मान्यता से लाखों मतदाताओं को राहत मिल सकती है।
निर्वाचन आयोग की संप्रभुता पर कोई हस्तक्षेप नहीं
इस संबंध में पूर्व IAS अधिकारी मोहनलाल ने स्पष्ट किया कि भारत निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक व स्वतंत्र संस्था है और केंद्र या राज्य सरकार उसका हस्तक्षेप नहीं कर सकती। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) को आयोग के आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होता है। आयोग ने सभी जिलों को तैयारी करने का निर्देश दे दिया है।