Rain Damage Report: भारी बारिश के कारण नुकसान, उपायुक्त ने दी त्वरित कार्रवाई की निर्देश
जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सिविल डिफेंस की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसडीओ धालभूम गौतम कुमार, विद्युत, अग्निशाम, रेलवे, सिविल डिफेंस, नगर निकाय, शिक्षा, भवन निर्माण, पेयजल एवं स्वच्छता, सुवर्णरखा नहर प्रमंडल, सुवर्णरखा बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में विभिन्न सरकारी एवं निजी संपत्तियों पर हुई बारिश के कारण हुई क्षति की गंभीर समीक्षा की गई।
मौसम की स्थिति और आपदा के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अलर्ट मोड में प्रशासन
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में बारिश के कारण जिले में आपदा की संवेदनशीलता बनी हुई है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे और प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होने पाए। इस समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने यह भी कहा कि सभी सीओ (सर्कल ऑफिसर) को भारी बारिश के कारण मकान गिरने, पेड़ या दीवार गिरने, सड़क दुर्घटना और अन्य घटनाओं से हुई जानमाल की क्षति की त्वरित रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में त्वरितता की आवश्यकता
समीक्षा बैठक के दौरान, उपायुक्त ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को शीघ्र और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी संबंधित अधिकारियों को मुआवजा वितरण में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, मृत्यु से संबंधित मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी न हो, इसके लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए। रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराकर पीड़ित परिवारों को समय से मदद पहुंचाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा।भारी बारिश के कारण नुकसान, उपायुक्त ने दी त्वरित कार्रवाई की निर्देश
जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सिविल डिफेंस की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसडीओ धालभूम गौतम कुमार, विद्युत, अग्निशाम, रेलवे, सिविल डिफेंस, नगर निकाय, शिक्षा, भवन निर्माण, पेयजल एवं स्वच्छता, सुवर्णरखा नहर प्रमंडल, सुवर्णरखा बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में विभिन्न सरकारी एवं निजी संपत्तियों पर हुई बारिश के कारण हुई क्षति की गंभीर समीक्षा की गई।
मौसम की स्थिति और आपदा के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अलर्ट मोड में प्रशासन
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में बारिश के कारण जिले में आपदा की संवेदनशीलता बनी हुई है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे और प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होने पाए। इस समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने यह भी कहा कि सभी सीओ (सर्कल ऑफिसर) को भारी बारिश के कारण मकान गिरने, पेड़ या दीवार गिरने, सड़क दुर्घटना और अन्य घटनाओं से हुई जानमाल की क्षति की त्वरित रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में त्वरितता की आवश्यकता
समीक्षा बैठक के दौरान, उपायुक्त ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को शीघ्र और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी संबंधित अधिकारियों को मुआवजा वितरण में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, मृत्यु से संबंधित मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी न हो, इसके लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए। रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराकर पीड़ित परिवारों को समय से मदद पहुंचाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा।भारी बारिश के कारण नुकसान, उपायुक्त ने दी त्वरित कार्रवाई की निर्देश
जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं सिविल डिफेंस की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसडीओ धालभूम गौतम कुमार, विद्युत, अग्निशाम, रेलवे, सिविल डिफेंस, नगर निकाय, शिक्षा, भवन निर्माण, पेयजल एवं स्वच्छता, सुवर्णरखा नहर प्रमंडल, सुवर्णरखा बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में विभिन्न सरकारी एवं निजी संपत्तियों पर हुई बारिश के कारण हुई क्षति की गंभीर समीक्षा की गई।
मौसम की स्थिति और आपदा के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अलर्ट मोड में प्रशासन
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में बारिश के कारण जिले में आपदा की संवेदनशीलता बनी हुई है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन की टीम पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे और प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होने पाए। इस समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने यह भी कहा कि सभी सीओ (सर्कल ऑफिसर) को भारी बारिश के कारण मकान गिरने, पेड़ या दीवार गिरने, सड़क दुर्घटना और अन्य घटनाओं से हुई जानमाल की क्षति की त्वरित रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में त्वरितता की आवश्यकता
समीक्षा बैठक के दौरान, उपायुक्त ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को शीघ्र और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के आपदा प्रबंधन प्रभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी संबंधित अधिकारियों को मुआवजा वितरण में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, मृत्यु से संबंधित मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रक्रिया में कोई अनावश्यक देरी न हो, इसके लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए। रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराकर पीड़ित परिवारों को समय से मदद पहुंचाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा।
सरकारी भूमि पर बने घरों को आपदा क्षति की श्रेणी में नहीं शामिल किया जाएगा
बैठक में यह भी तय किया गया कि सरकारी भूमि पर बने आवासों को आपदा क्षति की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा। अंचलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया कि वे स्थल सत्यापन के माध्यम से पात्रता की सघन जांच करें ताकि केवल योग्य व्यक्ति ही मुआवजा प्राप्त कर सकें। साथ ही, बारिश के कारण सड़कों, पुलों और अन्य संरचनाओं में हुई क्षति की त्वरित रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए गए, ताकि मरम्मत कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।
जर्जर सरकारी भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी जर्जर सरकारी भवन, विशेष रूप से स्कूल, आंगनबाड़ी, या स्वास्थ्य केंद्र, जिनकी छत गिरने की संभावना हो, उन्हें तुरंत सील कर सुरक्षित किया जाए। ऐसे भवनों की तत्काल रिपोर्टिंग की जाए और उनके लिए अगली कार्रवाई के लिए उपायुक्त कार्यालय को सूचित किया जाए। इसके अलावा, धालभूम और घाटशिला अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रतिदिन प्राप्त मामलों की समीक्षा करने और सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मिली सूचनाओं का त्वरित संज्ञान लेने के लिए निर्देश दिए गए।
प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाने की तैयारी
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने यह भी कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जेई और पंचायत सचिवों के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों की सूची तैयार की जाए। इस सूची को कंट्रोलिंग विभाग को भेजकर मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू कराया जाए। साथ ही, उन्होंने राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को प्रभावी और त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए।