Dalma Sanctuary: दलमा बन रहा सांपों का नया अभयारण्य, वन विभाग की निगरानी में हो रहा सर्पों का रेस्क्यू और रिहाई

जमशेदपुर: दलमा वन्यजीव अभयारण्य अब केवल हाथियों का आश्रय स्थल नहीं रहा, बल्कि यह अब सांपों का सुरक्षित प्राकृतिक आवास भी बनता जा रहा है। शहर की कई स्नेक रेस्क्यू टीमों द्वारा वर्षा ऋतु में रेस्क्यू किए गए सैकड़ों सांपों को दलमा के घने जंगलों में छोड़ने का काम किया जा रहा है। यह कार्य वन विभाग की अनुमति और निगरानी में हो रहा है।
1,000 से अधिक सांप छोड़े जा चुके, एप से मिल रही लाइव रिपोर्टिंग
सर्पों की रिहाई की हर जानकारी “ई-पी-कलेक्ट 5” नामक मोबाइल एप में दर्ज की जा रही है, जिससे वन विभाग को लाइव ट्रैकिंग मिल रही है। अभी तक दलमा में 1,000 से अधिक सांप छोड़े जा चुके हैं, जिनमें विषहीन प्रजातियां जैसे इंडियन रॉक पायथन, धामन, पानी वाला सांप, सामान्य रेत बोआ शामिल हैं, वहीं विषैले सांपों में कोबरा, करैत, चित्ती, बैंडेड क्रेट और सॉ स्केल वाइपर जैसी प्रजातियां शामिल हैं।

एकजुट होकर काम कर रहीं तीन बड़ी टीमें
इस महत्त्वपूर्ण अभियान में सर्परक्षक, स्नेक रेस्क्यू टीम जमशेदपुर, और स्नेक हेल्पलाइन टीम मिलकर काम कर रही हैं। ये टीमें दलमा, डोबो और तालसा के जंगलों में लंबे समय से सांपों को सुरक्षित रूप से छोड़ने का कार्य कर रही हैं।
सर्परक्षक टीम के मिथिलेश कुमार ने जानकारी दी कि वे 10 वर्षों से अधिक समय से यह कार्य कर रहे हैं और केवल इस वर्ष की बारिश में उन्होंने 600 से अधिक सांपों को दलमा में छोड़ा है।
वहीं स्नेक रेस्क्यू टीम के चंदन पाठक ने बताया कि उनकी टीम 2010 से कार्य कर रही है और इस सीजन में अब तक 500 से अधिक सांप सुरक्षित छोड़े जा चुके हैं। हर रेस्क्यू की जानकारी एप पर रिकॉर्ड की जाती है।

वन विभाग ने जताई संतुष्टि, जैव विविधता को मिलेगा बढ़ावा
दलमा के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने कहा कि इस प्रक्रिया से दलमा की पारिस्थितिकी में संतुलन बनेगा और जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “स्नेक रेस्क्यू टीमों का यह योगदान प्रशंसनीय है। यह सब कुछ वन विभाग की निगरानी में पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है, जो दलमा के लिए अच्छा संकेत है।”