Sawan Shopping: आदित्यपुर, जमशेदपुर – सावन माह की दस्तक से पहले ही लौहनगरी जमशेदपुर के बाजारों में त्योहार‑सी रौनक छा गई है। कांवरियों के लिए जरूरी गेरुआ कपड़े, पूजा सामग्रियों और हरी चूड़ियों की खरीदारी तेज़ हो गई है। स्थानीय बाजारों में महिलाओं और युवतियों द्वारा हरी चूड़ियों की खास पसंद देखी जा रही है, क्योंकि सावन माह भोलेनाथ को समर्पित होता है और सदियों से हरी रंग की चूड़ियाँ पहनना इसका एक प्रतीक माना गया है।


महिलाओं की भीड़, हर हाथ में हरियाली
प्रत्येक दुकान पर महिलाओं की भीड़ उमड़ी हुई है, खासकर हरी चूड़ियाँ, कड़े, और पारंपरिक डिजाइन वाले हारों के स्टॉल बिकी जा रही हैं। महिलाएं कहती हैं, “सावन का महीना भोलेनाथ का होता है और इस महीने हर तरफ हरियाली रहती है। इसलिए वे हरी चूड़ियाँ पहन कर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं, ताकि उनका आशीर्वाद बना रहे।” इससे बाजारों में हरे रंग की चमक बढ़ गई है।

कांवर यात्रा की तैयारियाँ — सुल्तानगंज, देवघर
त्योंहारों की भावना सिर्फ चूड़ियों तक सीमित नहीं है — कांवर यात्रा को लेकर भी बाजार तैयारियों में जीवंत हैं। साकची, बिस्टूपुर और पुर्णिया रोड़ स्थित स्टॉलों में कांवर थैलों, यंत्र, गेरुआ कपड़ों की अतिरिक्त मांग देखी जा रही है। यहां से बड़ी संख्या में भक्त सुल्तानगंज जा रहे हैं, जहाँ से वे गँगाजल लेकर देवघर स्थित बाबा विद्यानाथ या बासुकीनाथ मंदिर में जलाभिषेक करेंगे।

रोशनी, रंग और श्रद्धा का उत्सव
शादी‑शुदा महिलाओं के साथ‑साथ बेटियाँ, बहुएँ और युवा समूह सावन की खरीदारी में जुटे हैं। बाजारों में सजावट के सामान, चुनरी, फूल‑माला और धूप-दीयों की भिन्न प्रकार की खरीदारी जोर पर है। कांवर, गेरुआ कपड़े और पूजा‑सामग्रियों के साथ‑साथ उन्हें समुदाय में एक साथ त्योहार मनाने की उमंग भी देखने को मिल रही है।