Shravani Mela: दुमका/देवघर और बासुकीनाथ (दुमका) – सावन माह की शुरुआत होते ही स्थानीय समयानुसार आज सुबह श्रावणी मेला का शुभारंभ हो गया। दुमका जिले में बासुकीनाथ मंदिर एवं शिवगंगा तट पर ‘बोल बम’ के जयकारों और कांवरियों की भीड़ ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। प्रमुख लोगों के साथ राज्य पर्यटन मंत्री की मौजूदगी में पुण्य अवसर मनाया गया।
क्यों शुरू हुआ मेला और कहां-कब
श्रावणी मेला हिंदु धर्म में प्रसिद्ध एक 30 दिवसीय आयोजन है, जो सावन माह (जुलाई–अगस्त) में मनाया जाता है। तेल में यह मेला भगवान शिव को समर्पित है। भक्तगण गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और बाबा विद्यानाथ (देवघर) तथा बासुकीनाथ (दुमका) में जलाभिषेक करते हैं। मेला की शुरुआत आज – 11 जुलाई से हुई और यह पूरे सावन माह चलेगा।
कैसे बना कार्यक्रम — क्यू कॉम्प्लेक्स व्यवस्था
श्रद्धालुओं को शिवगंगा तट तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए क्यू कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं। ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर भक्तों के लिए खुला था। संभव सुविधा हेतु सक्षम भक्तों के लिए ₹300 प्रति व्यक्ति कूपन से गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की व्यवस्था की गई। कूपन व्यवस्था से दोषरहित अनुशासन सुनिश्चित हुआ।

प्रशासनिक व्यवस्थाएँ एवं तकनीकी सहयोग
मेले के प्रसंस्करण के त्वरित और सुरक्षित संचालन हेतु देवघर और बासुकीनाथ दोनों जगह प्रशासन ने AI‑आधारित तकनीक तैनात की—जैसे AI CCTV, हेल्प‑चैट, ड्रोन और भीड़ नियंत्रण प्रणाली समेत सामान्य शिकायत प्रणाली—जो QR कोड से तेज़ प्रतिक्रिया देती है। इसके अलावा यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु नंदी चौक, बेलगुमा, टिकर जैसे मार्गों पर वाहनों की एंट्री रोकी गई, जिससे मंदिर मार्ग पर जाम नहीं लगा और श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा मिली।

सुरक्षा एवं सुविधाओं का समावेश
रेलवे द्वारा 17 जोड़ी विशेष श्रावणी मेला ट्रेन चलाई जा रही हैं, जो झारखंड, बिहार, मधुबनी, आसनसोल समेत प्रमुख जंक्शनों से तीर्थयात्रियों को जोड़ रही हैं। मंदिर प्रांगण, टेंट सिटी और मार्गों में स्वास्थ्य शिविर, पीने का पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई। देवघर प्रशासन ने ‘इंद्र वर्षा’ प्रणाली, स्वच्छता उपाय, और QR‑आधारित शिकायत सहायता के साथ 15‑मिनट प्रतिक्रिया तैनाती सुनिश्चित की है।