Ramarcha Puja Jamshedpur: जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र के विधायक सरयू राय के आवास पर आयोजित 25वीं रामार्चा पूजा गुरुवार को धार्मिक विधि-विधान और भव्यता के साथ संपन्न हुई। इस आयोजन में न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं ने भाग लिया, बल्कि झारखंड के अलग-अलग जिलों सहित बिहार और उत्तर प्रदेश से भी सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।
पूजन कार्यक्रम बिष्टुपुर स्थित आवासीय परिसर में आयोजित हुआ, जिसे बेगूसराय से पधारे वैदिक आचार्य गौरीशंकर ठाकुर के निर्देशन में पांच विद्वान ब्राह्मणों ने संपन्न कराया। प्रमुख यजमान विधायक सरयू राय स्वयं थे, जबकि सहायक यजमानों में आकांक्षा नायर, अंशुल शरण, धर्मेंद्र तिवारी, सुनीता राय और पारुल सिंह आदि शामिल रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर टाटा स्टील के अधिकारी तक हुए शामिल
पूजन स्थल पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेस के वाइस प्रेसीडेंट डी.बी. सुंदर रमण, चीफ प्रणय सिन्हा, लैंड डिपार्टमेंट हेड अमित सिंह और कांग्रेस नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह समेत विभिन्न राजनीतिक दलों और संस्थानों से कई गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम में सहभागिता कर विधायक सरयू राय को शुभकामनाएं दीं।

चार आवरणों में संपन्न हुई विशेष पूजा
पूजन का शुभारंभ शांति पाठ और संकल्प से हुआ। फिर चार आवरणों में क्रमशः विविध देवताओं की विशेष पूजा की गई:
- प्रथम आवरण में माता माहेश्वरी से लेकर भगवान महादेव, नवग्रह, दिग्पाल, सिद्धिदेवी, बुद्धिदेवी, लोकपाल, मनु, ब्राह्मण देवता, वास्तुदेवता आदि का पूजन हुआ।
- द्वितीय आवरण में श्री सरयू जी, गंगादेवी, श्री केसरी, श्री अंगद, सुग्रीव, विभीषण और अन्य वानर सेनापति की पूजा संपन्न हुई।
- तृतीय आवरण में दशरथ जी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी का सपत्नीक पूजन किया गया।
- चतुर्थ आवरण में भगवान श्रीराम की सपत्नीक राजास्वरूप में भव्य पूजा हुई। इस दौरान हरे राम–हरे कृष्ण कीर्तन ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

भक्तों के लिए चाय और प्रसाद की विशेष व्यवस्था
पूरे आयोजन के दौरान भक्तों को साबुदाने की टिकिया, साबुदाने की खीर एवं नमक रहित उपवास प्रसाद वितरित किया गया। साथ ही निरंतर चाय सेवा भी चलाई गई, जिससे राहगीर और श्रद्धालु दोनों ही लाभान्वित हुए।

शुक्रवार को मिलानी हॉल में महाप्रसाद वितरण
आयोजन संयोजक आशुतोष राय ने बताया कि शुक्रवार को सुबह रुद्राभिषेक और फिर दोपहर 12:30 बजे से बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धालुओं को हाथी कान पूरी, सब्जी, बुंदिया और चटनी परोसी जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह पूजा अब केवल स्थानीय नहीं रही, बल्कि झारखंड और पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक परंपरा बन गई है। हर वर्ष सैकड़ों श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेने आते हैं।