Car Theft: पूर्वोत्तर भारत के सबसे संगठित और खतरनाक कार चोर गिरोहों में से एक का पर्दाफाश करते हुए सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन में गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने विभिन्न नामी कंपनियों की कुल 14 ब्रांडेड कारें बरामद की हैं, जिन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों और नेपाल जैसे पड़ोसी देश में बेचने की योजना थी।
मुख्य आरोपी सोमनाथ मुखर्जी, जो कोलकाता के प्रिंस अनवर शाह रोड का निवासी है, को सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के प्रधान नगर थाने की टीम ने गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सोमनाथ एक सुनियोजित तरीके से गिरोह चला रहा था, जिसमें वह अपने सहयोगियों पप्पू झा, नितिन प्रधान और राज नरजिनारी की मदद से अलग-अलग ट्रैवल एजेंसियों से कारें किराए पर लेकर या फर्जी प्राधिकरण पत्रों के जरिए कब्जे में लेता था।
इसके बाद इन कारों को देश के अन्य राज्यों और नेपाल में या तो बेच दिया जाता था या गिरवी रखकर मोटी रकम वसूली जाती थी।पुलिस को इस गिरोह की भनक एक कार चोरी की शिकायत की जांच के दौरान लगी, जिसमें मुख्य आरोपी सोमनाथ मुखर्जी की संलिप्तता सामने आई। जैसे ही उसे गिरफ्तार किया गया, पूरे गिरोह की परतें खुलती चली गईं। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि यह गिरोह असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से 100 से अधिक कारों की चोरी कर उन्हें बेच चुका है।
गिरफ्तार अन्य आरोपियों में पप्पू झा जलपाईगुड़ी जिले के बानरहाट का निवासी है, जबकि नितिन प्रधान और राज नरजिनारी नागराकाटा क्षेत्र से हैं। पुलिस ने पिछले 24 घंटों में कुल 14 लग्जरी कारें जब्त की हैं, जो इस गिरोह की ठगी का हिस्सा थीं।प्रधान नगर थाने के आईसी बासुदेव सरकार ने बताया कि अदालत से मुख्य आरोपी को पुलिस रिमांड पर लेने का अनुरोध किया गया है, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके और शेष वाहनों की बरामदगी सुनिश्चित की जा सके। यह गिरोह सालों से पुलिस को चकमा देकर काम कर रहा था, लेकिन अब उनके नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।