Ghatsila election news: घाटशीला उपचुनाव में कुड़मी महतो समाज का बड़ा ऐलान‚ सरकार की अनदेखी पर किया वोट बहिष्कार का निर्णय

Ghatsila election news: झारखंड के घाटशीला उपचुनाव में इस बार कुड़मी महतो समाज ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया है। समाज के नेताओं ने कहा है कि जब तक राज्य और केंद्र सरकार उनकी लंबित मांगों पर ठोस कदम नहीं उठातीं, तब तक समाज उपचुनाव में मतदान नहीं करेगा। कुड़मी

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Ghatsila election news: झारखंड के घाटशीला उपचुनाव में इस बार कुड़मी महतो समाज ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया है। समाज के नेताओं ने कहा है कि जब तक राज्य और केंद्र सरकार उनकी लंबित मांगों पर ठोस कदम नहीं उठातीं, तब तक समाज उपचुनाव में मतदान नहीं करेगा।

कुड़मी महतो समाज के नेता अमित महतो ने कहा कि समाज पिछले 75 वर्षों से अपने संवैधानिक अधिकार और सामाजिक पहचान की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। वर्ष 1950 में कुड़मी समाज को पिछड़ी जनजाति (Scheduled Tribe) की सूची से बाहर कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक केंद्र और राज्य सरकारें इस त्रुटि को सुधारने में विफल रही हैं।

अमित महतो ने कहा कि समाज ने कई बार सरकार से वार्ता की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि “हमारी मांगें दशकों पुरानी हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने हमें न्याय नहीं दिया। सरकार केवल वादे करती रही, जबकि जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला।”उन्होंने बताया कि समाज पिछले कुछ वर्षों से रेल रोको आंदोलन और धरना-प्रदर्शन के जरिए अपनी मांगों को उठाता रहा है, परंतु शासन-प्रशासन ने अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है।

अमित महतो ने स्पष्ट कहा कि घाटशीला उपचुनाव से पहले अगर सरकार समाज के प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक वार्ता करती है और लिखित आश्वासन देती है कि कुड़मी समाज को पुनः पिछड़ी जनजाति सूची में शामिल किया जाएगा, तभी समाज मतदान में भाग लेगा। अन्यथा, पूरा समाज इस उपचुनाव का बहिष्कार करेगा।उन्होंने कहा, “हम कोई राजनीतिक सौदा नहीं कर रहे, हम अपने हक की मांग कर रहे हैं। जब तक सरकार हमें लिखित में भरोसा नहीं देती, तब तक हमारा वोट बंद रहेगा।”

“75 वर्षों से कुड़मी समाज अपने अधिकार के लिए लड़ रहा है। अगर सरकार हमारी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं देती, तो घाटशीला उपचुनाव में हमारा समाज वोट नहीं करेगा।”

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