India S-400:पाकिस्तान द्वारा चीन से भारी भरकम राशि खर्च कर खरीदा गया HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम हालिया ड्रोन हमलों के दौरान पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। यह वही सिस्टम है जिसे चीन ने 1990 के दशक में रूस से प्राप्त S-300 की तकनीक की नकल कर तैयार किया था।
मगर इस “चीनी कॉपी” की वास्तविकता अब पाकिस्तान के सामने आ चुकी है – दिखने में आधुनिक, मगर इस्तेमाल में बेहद अविश्वसनीय।ड्रोन हमलों के दौरान लाहौर जैसे अहम शहरों में एयर डिफेंस पूरी तरह ठप रहा। नतीजा, पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा अधर में लटक गई।
यह घटना चीन से मिली रक्षा तकनीक की सीमाओं को उजागर करती है, जो महज दिखावे तक ही सीमित है।दूसरी ओर भारत ने एक सशक्त और विश्वसनीय रक्षा तंत्र विकसित किया है। भारत के पास रूस से प्राप्त अत्याधुनिक S-400 ट्रायम्फ सिस्टम है, जो S-300 से कहीं ज्यादा उन्नत है।
भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणाली – AAD, PAD, आकाश, और इजराइल के सहयोग से विकसित Barak-8 और Spyder मिसाइल सिस्टम – ने भारत को एक बुलेटप्रूफ एयर डिफेंस कवच प्रदान किया है।यह फर्क केवल तकनीकी नहीं, बल्कि नेतृत्व और रणनीतिक सोच का भी है। भारत सरकार ने समय रहते आवश्यक निवेश किया और आज देश आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारतीय वायु रक्षा की सतर्कता और सटीकता का परिणाम है कि आज तक कोई भी पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय सीमा का उल्लंघन नहीं कर सका।पाकिस्तान को अब यह समझने की आवश्यकता है कि चीन की मित्रता सस्ते सौदे की तरह होती है – जो शुरू में आकर्षक दिखती है, लेकिन असल वक्त पर धोखा दे जाती है।