Chhath Ritual Complete: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ महापर्व‚ श्रद्धा और आस्था का दिखा संगम

Chhath Ritual Complete: लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का समापन सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ श्रद्धा और उल्लास के माहौल में हुआ।शहर के तमाम घाटों — विशेषकर स्वर्णरेखा नदी घाट, मानगो पुल घाट, सोनारी और साकची घाट — पर सुबह से ही

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Chhath Ritual Complete: लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का समापन सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ श्रद्धा और उल्लास के माहौल में हुआ।शहर के तमाम घाटों — विशेषकर स्वर्णरेखा नदी घाट, मानगो पुल घाट, सोनारी और साकची घाट — पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। व्रती महिलाओं ने परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया।

सुबह की पहली किरण के साथ ही घाटों पर छठ गीतों की गूंज सुनाई देने लगी। महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में पूजा संपन्न की और व्रत का समापन किया।वहीं, बच्चों और युवाओं ने घर-परिवार के साथ घाटों पर पूजा की तैयारियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। श्रद्धालु परिवारों ने नदी तट पर सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर एकता और भक्ति का संदेश दिया।

जमशेदपुर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। एनडीआरएफ की टीमें, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी पूरी रात घाटों पर तैनात रहे।38 से अधिक घाटों पर रोशनी, बैरिकेडिंग और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गई थी। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए निगरानी ड्रोन और कंट्रोल रूम भी सक्रिय रखे गए।

अर्घ्य देने के बाद व्रतधारियों ने घर लौटकर प्रसाद के साथ व्रत का पारण किया। ठेकुआ, फल और गुड़ से बने प्रसाद के वितरण के साथ घरों में उल्लास और उमंग लौट आई।परिवार और पड़ोसियों ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दीं। चार दिनों की तपस्या, भक्ति और अनुशासन के इस पर्व ने एक बार फिर आस्था और सामूहिकता की मिसाल पेश की।

पूरा पर्व शांतिपूर्ण और भव्य वातावरण में संपन्न हुआ। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील की।जमशेदपुर में छठ का समापन भले हो गया हो, लेकिन इसकी भक्ति और उल्लास की गूंज अब भी शहर के कोने-कोने में महसूस की जा रही है।

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