ईरान ने शनिवार को भारत आ रहे जहाज को होर्मुज स्ट्रेट के पास कब्जे में ले लिया था। इस जहाज पर 17 भारतीय और 2 पाकिस्तानी नागरिक सवार थे। अब जानकारी सामने आई है कि ईरानी प्रशासन ने जहाज पर मौजूद पाकिस्तानी क्रू को जाने की अनुमति दे दी है।
ईरान ने कहा है कि उसने भारत आ रहे जहाज को समुद्री नियमों का उल्लंघन करने के लिए कब्जे में लिया है। ईरानी नौसेना के कमांडो ने बीते शनिवार को होर्मुज स्ट्रेट के पास इजरायल से जुड़े जहाज एमएमसी एरीज पर कब्जा कर लिया था। पुर्तगाल का झंडा लगे इस जहाज को कब्जा करने के बाद ईरानी जल क्षेत्र में ले जाया गया है। ईरान ने जहाज पर कब्जे की कार्रवाई इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले वाली रात से ठीक पहले की थी। जहाज पर चालक दल के सदस्यों में भारत के साथ ही पाकिस्तान के भी नागरिक मौजूद
पाकिस्तानियों को जाने की अनुमति, लेकिन एक पेच
पाकिस्तान से आ रही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के कब्जे वाले जहाज पर 2 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं। पाकिस्तानी नागरिकों के होने की जानकारी होने के बाद इस्लामाबाद के विदेश विभाग ने ईरान के प्रतिनिधियों से संपर्क किया, जिसके बाद ईरान ने बड़ी राहत दी है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने बताया है कि पाकिस्तानी चालक दल जब चाहे तब घर वापस जाने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, यह जहाज के कैप्टन का विशेषाधिकार है कि वह अपने चालक दल को कब्जे को बोर्ड छोड़ने की अनुमति देता है।
जहाज पर मौजूद हैं 17 भारतीय
एमएससी एरीज जहाज के चालक दल के 25 सदस्यों में सबसे ज्यादा 17 भारतीय नागरिक हैं। भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष आमिर अब्दुल्लाहियान के साथ फोन पर बातचीत में एमएससी जहाज पर भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया था। भारतीय विदेश मंत्री ने ईरान से क्रू से मिलने के लिए सरकार का प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने की मांग की थी, जिस पर ईरानी नेता ने सहमति जताते हुए जल्द मुलाकात संभव कराने की बात कही थी।
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने बताया था कि शनिवार को रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडो हेलीकॉप्टर के जरिए जहाज के डेक पर उतरे और इसे ईरानी क्षेत्र में लेकर आए। रॉयटर्स ने ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नासिर कनानी के हवाले से कहा, “समुद्री कानूनों का उल्लंघन करने और ईरानी अधिकारियों की कॉल का जवाब नहीं देने के कारण जहाज को ईरान के अधिकार वाले जल क्षेत्र की तरफ मोड़ दिया गया।” कनानी ने बताया कि ईरान को यकीन था कि जहाज इजरायल से जुड़ा था।