Supreme Court Waqf/नई दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ दायर की गई कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि नया कानून संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और यह अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक संपत्तियों पर सरकार के नियंत्रण को बढ़ावा देता है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ इस बात की जांच करेगी कि क्या संशोधित प्रावधान धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकार से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हैं या नहीं। याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि संशोधन पारदर्शिता और न्यायसंगत प्रक्रिया के बिना लागू किया गया है, जिससे कई संस्थाएं और व्यक्ति प्रभावित हुए हैं।
सरकारी पक्ष ने तर्क दिया है कि संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और अवैध कब्जों को रोकना है, लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर आघात हो सकता है।अब सबकी नजरें 16 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जब अदालत इस विवादास्पद कानून पर अपना रुख स्पष्ट कर सकती है।