शहर में Smart Meter नहीं लगवाने वाले 10 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कनेक्शन जल्द कटने वाला है। शहर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का सिस्टम लागू हो चुका है। अब पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सीधे बिजली बिल पहुंचेगा। यह व्यवस्था शहर में लागू हो चुकी है।
10 प्रतिशत उपभोक्ताओं में वैसे उपभोक्ता शामिल हैं, जिनमें एजेंसी की ओर से Smart Meter लगाने के दौरान उपभोक्ताओं का घर बंद होने की बात सामने आ रही है। वहीं, कुछ ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिन्होंने इस व्यवस्था से नाराजगी के कारण Smart Meter नहीं लगवाया है।
अब वैसे उपभोक्ताओं के घर पर बिजली बिल नहीं पहुंचेगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को एकमुश्त बिजली बिल चुकाना पड़ेगा। वहीं, अधिकारी भी उनकी फरियाद नहीं सुनेंगे। उपभोक्ताओं को बिजली बिल में भी 18 प्रतिशत इंट्रेस्ट का पैसा जोड़कर दिया जाएगा।
एक मुश्त बिजली बिल मिलने से आर्थिक बोझ बढ़ेगा। साथ ही Smart Meter लगाने के लिए अपनी जेब से लगभग 7000 हजार रुपये खर्च करना पड़ेगा। लोड और खपत की जानकारी से भी वंचित रहना पड़ेगा।
दो लाख 60 हजार से अधिक लगे Smart Meter
बता दें कि शहर में अबतक दो लाख 60 हजार से अधिक Smart Meter लग चुके हैं। यह Smart Meter अब प्रीपेड मोड पर काम करने लगे हैं। फर्स्ट फेज में 18 हजार स्मार्ट मीटर को सैंपल के तौर पर शहर में लगाया गया था। सेवा सही पाए जाने के बाद पूरे शहर में लगाया गया।
शहर में तीन लाख 50 हजार Smart Meter लगाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य जल्द ही दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रीपेड सेवा को सख्ती से बहाल करने को लेकर विभाग की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। हालांकि प्रीपेड सेवा का शहर में जोरदार विरोध भी जारी है।
क्या करें उपाय, कैसे होगा समाधान
- झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर बिजली सब स्टेशन, डिविजन कार्यालय समेत सर्किल कार्यालय में उपभोक्ता अपने घर का पूरा पता, नंबर के साथ एक आवदेन दें।
- इससे विभाग की ओर से संबंधित एजेंसी को लेटर फारवर्ड किया जाएगा। एजेंसी संबंधित पते पर जाकर मुफ्त में Smart Meter लगाएगी।
- बिजली विभाग की ओर से इस संबंध में विज्ञापन भी जारी किया जा चुका है। वहीं, एजेंसी दिसंबर तक शहर में Smart Meter लगाने का काम करेगी। इसके बाद एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाएगी।
- इसके बाद Smart Meter लगाने के लिए उपभोक्ताओं को काफी पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। साथ ही उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि विभाग का एक्शन प्लान तैयार है। विभाग स्मार्ट मीटर लगाने के झंझट से जल्द निजात पा लेगा। स्मार्ट मीटर का काम अंतिम चरण पर है। अगले एक्शन प्लान के तहत शहर की बिजली व्यवस्था हाईटेक होने वाली है।
क्या है विभाग का एक्शन प्लान
आरडीएसएस योजना का काम शुरू हो चुका है। जल्द शहर में जर्जर तार की जगह कवर तार होंगे। इससे पूरी तरह से बिजली चोरी पर विराम लग जाएगा। साथ ही सब स्टेशन छोटे होंगे। ग्रिड की क्षमता बढ़ाई जाएगी। शहर में 11 केवीए तार अंडरग्राउंट होंगे। शहर में 24 घंटे बिजली दी जाएगी।