Sirmatoli Flyover: रांची के सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद का समाधान हो गया है। प्रशासन ने सरना स्थल की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए रैंप को छह मीटर पीछे हटाने का फैसला लिया। गुरुवार को निर्माण कार्य कर रहे कर्मियों ने रैंप के किनारे लगे 10 डेक प्लेन को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
इससे पहले, रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बुधवार को सिरमटोली सरना स्थल का निरीक्षण कर रैंप की माप ली थी। आदिवासी समाज के लोगों का कहना था कि फ्लाईओवर के रैंप के कारण उनके धार्मिक स्थल पर प्रभाव पड़ रहा था, जिसे लेकर उन्होंने लंबे समय से आपत्ति जताई थी।
रैंप के निर्माण को लेकर आदिवासी समाज ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया था। यहां तक कि 40 से अधिक आदिवासी संगठनों ने इसे लेकर रांची बंद का आह्वान भी किया था। सिरमटोली सरना स्थल को आदिवासी समाज अपनी आस्था का केंद्र मानता है, जहां हर साल सरहुल शोभायात्रा का समापन होता है। इस निर्णय के बाद आदिवासी समाज में संतोष देखा जा रहा है, और अब उम्मीद की जा रही है कि धार्मिक स्थल पर किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।
वहीं आपकों बता दें कि 1 अप्रैल को सरहूल पर्व है, इसके लिए लाखों कि आदिवासी समाज के लोग सरना पूजा स्थल में पूजा अर्चना करने आते है. रैप को लेकर आदिवासी समजा का कहना था कि रैप का कार्य जो किया जा रहा है उस्से उनका सरना पूजा स्थल आने में काफी दिक्कत होगी, जिसके बाद केंद्रिय सरना समिती के लोगों ने रांची में कई बार आंदोलन किया था, हाल में आदिवासी समाज के लोगों ने मानव श्रिखला बनाकर इसका विरोध किया था, जिसके बाद कुल 28 विधायकों का शव यात्रा निकाला गया था और 22 मार्च को रांची में चक्का जाम कर दिया गया था. फिलहाल अब सिरमटोली फ्लाइव को लेकर यह विवाद अब समाप्त होने वाला है।