Seraikela Health Crisis: खरसावां-आमदा मार्ग पर रविवार शाम हुए सड़क हादसे में दो युवकों की मौत के बाद प्रशासन की नींद आखिरकार टूट गई। इस दुखद घटना के बाद जिला उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ सरयू प्रसाद राय ने मंगलवार को खरसावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की गैरहाजिरी को लेकर गंभीर रुख अपनाया।
मौत के पीछे इलाज में देरी, ड्यूटी से नदारद थे डॉक्टर
घटना के अनुसार, रविवार शाम करीब 7:00 बजे खरसावां के बोड़्डा स्थित जाहेरा स्थान के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से आमदा निवासी देव महंती और छोटा आमदा निवासी साहिल महतो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की मदद से दोनों युवकों को रात 7:30 बजे खरसावां अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कन्हैयालाल उरांव मौजूद नहीं थे।
करीब 30 मिनट इंतजार के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया। रात 8 बजे दोनों को एंबुलेंस से जमशेदपुर टीएमएच ले जाया गया। दुखद रूप से रात 9:30 बजे अस्पताल पहुंचने पर दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, डॉक्टर की गाड़ी घायलों को ले जाने के 15 मिनट बाद अस्पताल पहुंची।
सिविल सर्जन का औचक निरीक्षण, दिए कड़े निर्देश
मंगलवार को पहुंचे सिविल सर्जन डॉ सरयू प्रसाद राय ने अस्पताल का निरीक्षण करते हुए डॉ कन्हैयालाल उरांव से स्पष्टीकरण (शो कॉज नोटिस) मांगा। साथ ही अस्पताल प्रभारी डॉ विरागंणा सिंकू को निर्देशित किया कि तीन शिफ्ट में डॉक्टरों की ड्यूटी तय की जाए, ताकि इस प्रकार की लापरवाही दोबारा न हो।
पत्रकारों से बातचीत में डॉ राय ने कहा, “मैंने देश में बहुत से अस्पताल देखे हैं, लेकिन इस स्थिति में अस्पताल चलाना बेहद कठिन है। फिर भी जब बात मरीजों की हो, तो सेवा बाधित नहीं होनी चाहिए। किसी भी हालत में डॉक्टर अस्पताल में मौजूद रहें — यह हमारी प्राथमिकता है।”
स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पणी, झारखंड की रैंकिंग पर भी बोले सीएस
सीएस ने कहा कि जब से झारखंड राज्य बना है, तब से स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हुआ है। “आज झारखंड को राष्ट्रीय स्तर पर 10वें से 15वें स्थान के बीच स्थान मिलता है। यह हमारी उपलब्धि है, लेकिन सुधार की और भी ज़रूरत है।”निरीक्षण के दौरान डीपीएम निर्मल कुमार दास, डॉ विरागंणा सिंकू, डॉ कन्हैयालाल उरांव समेत कई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।