Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में ड्रोन तकनीक ने पारंपरिक युद्ध प्रणाली को बदलकर रख दिया है। अब युद्ध के मैदान में टैंकों और मिसाइलों से ज्यादा छोटे और घातक ड्रोन अपनी भूमिका निभा रहे हैं। यह तकनीक न केवल हमलों के लिए इस्तेमाल हो रही है, बल्कि निगरानी और बचाव अभियानों में भी अहम भूमिका निभा रही है। ड्रोन के जरिए दुश्मन की स्थिति की सटीक जानकारी हासिल करना, लक्ष्यों को भेदना और हवाई हमलों को अंजाम देना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।

इस युद्ध में कामिकेज़ ड्रोन और स्वायत्त सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। सबसे आत्मघाती हमलों के लिए कामिकेज़ ड्रोन बनाए जाते हैं, जो विस्फोटकों से लैस होकर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाते हैं। वहीं, स्वायत्त ड्रोन तकनीक भी तेजी से विकसित हो रही है, जिसमें सैकड़ों छोटे ड्रोन एक साथ किसी लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं। यह रणनीति दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को उलझने के काम और अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है।
मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ मिलाकर ड्रोन अब और भी अधिक स्वायत्त और प्रभावी हो गए हैं। ये तकनीक उन्हें तेजी से फैसले लेने और जटिल परिस्थितियों में भी प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाती है। इससे युद्ध का तरीका पूरी तरह बदल रहा है, जहां अब मानव रहित तकनीक की भूमिका पहले से कहीं अधिक हो गई है।