Ranishwar Block: दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड में जल आपूर्ति से जुड़ी योजनाएं ठेकेदारों की लापरवाही और विभागीय उदासीनता के चलते दम तोड़ती नजर आ रही हैं। पीएचईडी (PHED) विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों में बनाए गए जलमीनार या तो लंबे समय से खराब हैं या अधूरे पड़े हैं।
ग्रामीणों की शिकायत है कि ठेकेदार सरकार द्वारा तय की गई पांच साल की देखरेख अवधि के बावजूद न तो समय पर मरम्मत करवा रहे हैं और न ही किसी प्रकार की जवाबदेही ले रहे हैं।कुमीरदाहा, शादीपुर और बांस्कुली पंचायतों के कई गांवों में वर्षों पहले जलमीनारें बनवाई गईं थीं, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया या मशीनें खराब होने के बाद उठा ली गईं।
सिजुआ गांव का उदाहरण सामने है, जहां डेढ़ साल पहले मशीनें खराब हुईं और ठेकेदार उन्हें मरम्मत के बहाने ले गया, लेकिन आज तक लौटाकर नहीं दिया। पूछने पर ठेकेदार जवाब देता है कि “समय समाप्त हो गया”, जबकि ग्रामीणों का सवाल है कि बिना अनुमति के वह मशीनें कैसे ले जा सकता है।
नल-जल योजना के तहत बनाए गए टैंकों से किसी भी घर तक जल आपूर्ति नहीं हो रही है। खासकर सिजुआ के आदिवासी टोला में एक भी परिवार को जल कनेक्शन नहीं दिया गया, इसके बावजूद ठेकेदार को भुगतान हो गया।
यह पूरे मामले को जांच के दायरे में लाता है।जिला परिषद सदस्य विमान सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि ठेकेदारों के खिलाफ जांच कर FIR दर्ज की जाए, ताकि जनता की मूलभूत सुविधा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर लगाम लगाई जा सके।