Ram Navami/जमशेदपुर: केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को साकची स्थित उत्कल एसोसिएशन सभागार में संपन्न हुई, जिसमें 153 लाइसेंसी और 13 गैर-लाइसेंसी अखाड़ा समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष रामनवमी महोत्सव पूरी भव्यता, गरिमा और सनातन परंपराओं के अनुरूप मनाया जाएगा।
शोभायात्रा और विसर्जन की तिथि तय
सभी अखाड़ा समितियाँ अपने-अपने क्षेत्रों में बैठक कर शांतिपूर्ण एवं अनुशासित जुलूस निकालने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगी। समिति ने घोषणा की कि अखाड़ों की शोभायात्रा सह विसर्जन 7 अप्रैल को संपन्न होगी, जिसमें प्रशासनिक सहयोग से सुरक्षा, अनुशासन और व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
अखाड़ा समितियों की समस्याओं पर चर्चा
बैठक में विभिन्न अखाड़ा समितियों ने अपनी समस्याएँ रखीं। मानगो के नारायण अखाड़ा ने जुलूस के दौरान यातायात अव्यवस्था का मुद्दा उठाया, जबकि टिनप्लेट अखाड़ा समिति ने झंडा पूजन स्थल के पास डस्टबिन रखे जाने पर आपत्ति जताई। वहीं, बागबेड़ा बड़ौदा घाट स्थित काली मंदिर अखाड़ा के प्रतिनिधियों ने नदी की सफाई और स्वच्छता पर जोर दिया। समिति ने आश्वासन दिया कि इन सभी समस्याओं को प्रशासन तक पहुँचाया जाएगा।
संरक्षकों का आह्वान: अनुशासन और भक्ति के साथ मनाएँ महोत्सव
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि रामनवमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का प्रतीक है। समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। संरक्षक नीरज सिंह और शंकर रेड्डी ने विश्वास जताया कि इस वर्ष का महोत्सव ऐतिहासिक होगा, जिसमें भक्ति, श्रद्धा और मर्यादा का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
सम्मान और स्वागत समारोह
बैठक के दौरान अखाड़ा समितियों के प्रमुखों और सदस्यों का स्वागत किया गया। बैठक का संचालन महासचिव भूपेंद्र सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष शंभु मुखी ने दिया। इस मौके पर शहर के प्रमुख अखाड़ा समितियों के सैकड़ों सदस्य मौजूद रहे।