जमशेदपुर: भाजपा नेता सह पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह अपने सर्किट हाउस स्थित कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा की आज के सभी समाचार पत्रों में दुखद घटना प्रमुखता से छपी है की कल एमजीएम अस्पताल में एक महिला की मौत ऑक्सीजन सिलिंडर गिरने से सर पर चोट लगने से मौत हुई है,और जिसमें दो महिला घायल भी हुई है। अभी एक हफ्ते पहले सभी समाचार पत्रों के सुर्खियों में था की एक गर्भवती महिला का एमजीएम अस्पताल में 27 घंटे से अधिक फर्श पर पड़े रहने के चलते गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत मां के गर्भ में ही हो गई थी। यह दोनो मार्मिक घटनाएं है, और मानवता को शर्मशार करती है। एमजीएम के कार्यप्रणाली एवं व्यवस्था को दर्शाने के लिए यह दोनो घटनाएं काफी है।
इन्होंने आगे बोला की घटना के बाद डॉक्टर का बयान प्रेस में देखा। डॉक्टरों द्वारा बताया गया की महिला की मौत अनेकों अंग के खराब होने से हुई है लेकिन जब तक उस महिला का पोस्टमॉर्टम नही होगा एवं पोस्टमॉर्टम का वीडियोग्राफी नही होगा तब मृत्यु का कारण कैसे पता चलेगा।
उन्होंने मांग किया कि ऐसी घटना पर एनएचआरसी के गाइडलाइंस के अनुसार पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी करते हुए कराई जाए जो मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में हो और उपायुक्त एवं हॉस्पिटल प्रबंधक की जिम्मेवारी बनती है की इसकी जांच 24 घंटे के अंदर कराई जाए और अगर मौत का कारण गंभीर चोट से हुए हो तब अस्पताल के दोषी व्यक्तियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज की जाएं और नियम के अनुसार करवाई की जाए, साथ साथ जनता को यह बताई जाए की 27 घंटा जो महिला फर्श पर पड़ी रही ,उसपर क्या करवाई हुई है, चुकी एमजीएम अस्पताल एकमात्र सरकारी अस्पताल है जो गरीबों के लिए है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री जिनका यह गृह जिला भी है ,उनका यह बयान देना की जांच 72 घंटों मे कराई जाए 24 घंटा के जगह ,यह पूरी तरह यहां के लोगो के लिए नाइंसाफी है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा की अगर उसकी मौत ऑक्सीजन सिलिंडर से चोट के वजह से हुई हो तो उसके परिजन की उचित मुआवजा दी जाए और दोषियों पर अविलंब करवाई की जाए।