Rahul Gandhi warrant/चाईबासा: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कानूनी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान को लेकर चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और उन्हें 26 जून 2025 को न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह मामला 9 जुलाई 2018 को भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार द्वारा दाखिल परिवाद से शुरू हुआ था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी के बयान से भाजपा की छवि को ठेस पहुंची है।इस केस ने कई बार न्यायिक स्थानांतरण का सामना किया—2020 में रांची, 2021 में पुनः चाईबासा।
2022 में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए समन भेजा था, लेकिन राहुल गांधी हाजिर नहीं हुए। 2023 में जमानती वारंट और 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया गया, बावजूद इसके उनकी उपस्थिति नहीं हुई। राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में डब्ल्यूपी सीआर संख्या 230/2024 दाखिल कर वारंट पर रोक की कोशिश की, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई।
इसके बाद उन्होंने चाईबासा कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 205 के तहत हाजिरी से छूट मांगी, जो न्यायालय ने अस्वीकार कर दी। अब कोर्ट ने अंतिम रूप से गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 26 जून को उपस्थित होने का आदेश दिया है। यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा है।