
मंडल रेल अस्पताल में हॉस्पिटल असिस्टेंट के रूप में पदस्थापित बसंत उपाध्याय ने बताया कि गुरुवार को डीआरएम की पत्नी सह मंडल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष गरिमा सिन्हा पार्ट टाइम डेंटल सर्जन डॉ निशि अग्रवाल को दांत दिखाने आईं। डॉक्टर चेंबर के बाहर वे ड्यूटी पर तैनात थे। उन्होंने गरिमा सिन्हा को नहीं पहचाना। आम मरीज समझ बसंत उपाध्याय ने डीआरएम की पत्नी को भी चप्पल खोलकर चेंबर में दाखिल होने को कहा। गरिमा सिन्हा के रेलवे अस्पताल से लौटने के बाद डीआरएम ऑफिस से सीएमएस को फोन आया। फौरन असिस्टेंट को लेकर डीआरएम कार्यालय में हाजिर हों। सीएमएस बसंत उपाध्याय को लेकर डीआरएम ऑफिस पहुंचे। आरोप है कि वहां एक टीआई और कुछ गार्ड ने बसंत उपाध्याय को खूब खरी-खोटी सुनाई। नियम पालन कराने की इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी असिस्टेंट बसंत उपाध्याय यह नहीं जानते थे।
डॉक्टर के चेंबर में प्रवेश से पहले डीआरएम कमल किशोर सिन्हा की पत्नी गरिमा सिन्हा की चप्पल खुलवाना अस्पताल के असिस्टेंट बसंत उपाध्याय महंगा पड़ गया। डीआरएम ऑफिस में बुलाकर उनकी फजीहत की गई। डीआरएम को पत्नी की चप्पल खुलवाने की बात इतनी नागवार गुजरी की उन्होंने बसंत उपाध्याय के कपड़े उतरवाने के आदेश दिए। फिर क्या था। मंडल प्रबंधक के आदेश को सिर आंखों पर रखकर एक टीआई और गार्ड ने बसंत उपाध्याय के कपड़े खुलवा दिए।
डीआरएम के चेंबर के बाहर गैलरी में सीएमएस डॉ डीएल चौरसिया की मौजूदगी में अफसरशाही का यह नंगा नाच हुआ। डीआरएम और अन्य के कृत से आहत बसंत की तबीयत शुक्रवार को बिगड़ गई। बसंत के अपमान से आक्रोशित सहकर्मियों ने रेलवे अस्पताल में काम ठप कर हड़ताल की घोषणा कर दी। सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक इंडोर और आउटडोर में कामकाज नहीं हुआ। अस्पताल में डीआरएम के खिलाफ नारेबाजी की गई। एडीआरएम आशीष कुमार झा, सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार और कार्मिक विभाग के अफसर और कर्मी के साथ सीएमएस ने अस्पतालकर्मियों को समझाया।