Dalma Wildlife Upgrade: दलमा वाइल्ड लाइफ वीक समापन पर नई पहल‚ वन्यजीव संरक्षण में बढ़ेगी मजबूती

Dalma Wildlife Upgrade: दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में वन्यजीव सप्ताह (Wildlife Week) के समापन अवसर पर रविवार को कई नई परियोजनाओं और सुविधाओं का भव्य उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) श्री एस.आर. नटेश उपस्थित रहे। उनके साथ क्षेत्रीय वन अधिकारियों, कर्मचारियों और

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Dalma Wildlife Upgrade: दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में वन्यजीव सप्ताह (Wildlife Week) के समापन अवसर पर रविवार को कई नई परियोजनाओं और सुविधाओं का भव्य उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) श्री एस.आर. नटेश उपस्थित रहे। उनके साथ क्षेत्रीय वन अधिकारियों, कर्मचारियों और तात्कालिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इन पहलों का लोकार्पण हुआ।

उद्घाटन कार्यक्रम की सबसे प्रमुख उपलब्धि रही “अबुआ” मोबाइल एप का लॉन्च, जिसे झारखंड वन विभाग और टाटा मोटर्स के सहयोग से तैयार किया गया है।इस एप का उद्देश्य हाथी-मानव संघर्ष को रोकना और वन्यजीवों की गतिविधियों पर रीयल-टाइम निगरानी को सुलभ बनाना है। एप ग्रामीणों और वनकर्मियों के बीच तत्काल सूचना आदान-प्रदान की सुविधा देगा, जिससे किसी भी आकस्मिक घटना से पहले सतर्कता बरती जा सके।विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी डिजिटल पहलें तकनीक के माध्यम से संरक्षण को आधुनिक स्वरूप देने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

संरचनात्मक विकास के अंतर्गत सेंचुरी के तीन प्रमुख स्थानों पर निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया।हिरण पार्क के पास लोकप्रिय हथिनी “रजनी” के लिए एक नया शेड तैयार किया गया है, जिससे उसके रहने और देखभाल की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।वहीं मकुलाकोचा म्यूज़ियम के समीप एक आधुनिक कम्यूनिटी सेंटर हॉल बनाया गया है, जो स्थानीय शिक्षा, संवर्धन और जागरूकता कार्यक्रमों के संचालन में सहायक होगा।इसके अलावा, सेंचुरी के मुख्य द्वार के पास कुत्तों के लिए आश्रय गृह (डॉग शेल्टर) का भी उद्घाटन हुआ, ताकि घायल या आवारा कुत्तों की समुचित देखभाल की जा सके।

कार्यक्रम में उपस्थित डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिनेश चंद्रा, अपर्णा चंद्रा सहित कई वन अधिकारियों ने इन पहलों को सेंचुरी के प्रबंधन और संरक्षण के लिए मील का पत्थर बताया।अधिकारियों ने कहा कि केवल संरचनात्मक सुविधाओं से नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी और जागरूकता से ही संरक्षण के लक्ष्य को स्थायी रूप से हासिल किया जा सकता है।

दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, जो हाथियों के संरक्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध है, अब पर्यटन, तकनीक और समुदाय के समन्वय का एक जीवंत उदाहरण बनती जा रही है।विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे सुधार दीर्घकाल में मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को मजबूत करेंगे और जैवविविधता संरक्षण को व्यावहारिक आधार प्रदान करेंगे।

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