Kolhan: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बाद भाजपा की नजर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के तीनों जिला अध्यक्षों पर है. भाजपा की योजना कोल्हान प्रमंडल की विधानसभा सीटों को हर हाल में जीतने की है. इसी के तहत भाजपा ने चंपाई सोरेन को पार्टी में शामिल कराया है. लेकिन भाजपा के नेता यह बात अच्छी तरह से समझते हैं कि सिर्फ चंपाई सोरेन के पार्टी में आने से दो-तीन सीटों पर फायदा हो सकता है. लेकिन अगर कोल्हान में झामुमो को कमजोर करना है, तो पार्टी के जिला अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों को तोड़ना होगा. तभी जमीनी स्तर पर पार्टी को फायदा होगा. पार्टी के जिला स्तर के पदाधिकारियों को तोड़ने की जिम्मेदारी निभा रही भाजपा की टीम को चंपाई सोरेन का भी भरपूर साथ मिल रहा है.
चुनाव से पहले भाजपा को कोल्हान में तगड़ा झटका देने की तैयारी में JMM
इधर, झामुमो ने कोल्हान प्रमंडल में अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. पार्टी ने सबसे पहले चंपाई सोरेन के स्थान पर रामदास सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलवायी. वहीं मंत्री दीपक बिरूआ और रामदास सोरेन को कोल्हान का जिम्मा दिया है. दोनों ने मोर्चा संभाल लिया है. ना सिर्फ पार्टी पदाधिकारियों को सुरक्षित रखने पर काम चल रहा है, बल्कि चुनाव से पहले ही भाजपा को कोल्हान में तगड़ा झटका देने पर काम शुरू कर दिया है. इसे कोल्हान प्रमंडल के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी मदद ली जा रही है.
2019 के विस चुनाव में भाजपा को नहीं मिली थी एक भी सीट वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोल्हान से एक भी सीट नहीं मिली थी. यही कारण है कि भाजपा को राज्य में बड़ी पराजय का मुंह देखना पड़ा था. कोल्हान की 14 सीटों में से 13 सीटों पर झामुमो व कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. एक सीट पूर्वी जमशेदपुर पर सरयू राय निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था. भाजपा इसी स्थिति को बदलना चाहती है.