Kharsawan Health Camp: खरसावां पंचायत सचिवालय परिसर में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार एवं जिला आयुष समिति, सरायकेला‑खरसावां द्वारा शुक्रवार को प्रखंड स्तरीय निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसका विधिवत उद्घाटन जिला आयुष मेडिकल पदाधिकारी (डीएएमओ) डॉ. पुनम कुमारी, खरसावां मुखिया सुनिता तापे और शिक्षक अब्दुल माजिद खान की उपस्थिति में हुआ।
कौन‑कौन मौजूद थे
इस शिविर में मुख्य रूप से उपस्थित थे आयुष चिकित्सक डॉ. डिम्पल कुंकल, डॉ. जया कुमारी, डॉ. दीपक मेहता, डॉ. धीरेन्द्र कुमार, साथ ही शिक्षक बुधराम गोप, आदित्य कुमार मंडल, मलेरिया इंस्पेक्टर प्रेमजय उरावं, योग शिक्षक भवानी शंकर साहु, तथा सहिया रेश्मी महतो, पिंकी पृष्टी, मनीष राज महतो आदि।
क्या हुआ—क्या मिला
स्वास्थ्य शिविर में खरसावां के विभिन्न गांवों से आए कुल 187 मरीजों का व्यापक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और नि:शुल्क दवाइयां वितरित की गई। विशेष रूप से जोड़ों में दर्द, घुटनों में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द व पैरों में सूजन जैसी सामान्य समस्यों का उपचार किया गया।
कब और कहाँ
यह एक‑दिवसीय शिविर शुक्रवार को खरसावां पंचायत सचिवालय परिसर में आयोजित हुआ। यह कदम एक सामुदायिक स्वास्थ्य पहल के रूप में, स्थानीय लोगों को उनके निकट स्वास्थ्य सेवाओं और सलाह उपलब्ध कराने हेतु उठाया गया।
क्यों और किस लिए
डॉ. पुनम कुमारी ने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने पर जोर देती है। यह न केवल बीमारियों का इलाज करती है बल्कि रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करती है। यही कारण है कि इस शिविर का उद्देश्य स्थानीय लोगों तक आयुष पद्धति की पहुँच सुनिश्चित करना है और जागरूकता बढ़ाना है।
प्रक्रिया एवं आगे की राह
संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा
यह आयोजन आयोजित वर्ष‑पैमाने पर आयोजित किया जा रहा शिविरों की सीरीज़ का हिस्सा है, जिसमें योग, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा श्रेणियाँ शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि सभी जरूरतमंदों को घर के पास उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवा एवं आयुष सलाह नि:शुल्क प्राप्त हो सके।
भविष्य की योजनाएँ
आयुष विभाग द्वारा यह पहल नियमित आधार पर जारी रखी जाएगी, जिससे ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच मजबूत हो सके। साथ ही, ऐसी गतिविधियाँ स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने, मौसमी बीमारियों को रोकने और समग्र कल्याण बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगी।