Karni Sena Protest: जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में लगातार बढ़ रही फीस वृद्धि और अलग-अलग शुल्कों के नाम पर अभिभावकों से की जा रही वसूली के खिलाफ करनी सेना ने मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने इस मुद्दे पर एक बड़े आंदोलन की घोषणा की है। पहले चरण में 5 अप्रैल को जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखी जाएंगी।
करनी सेना के जिला अध्यक्ष मनोज सिंह उज्जैन ने एक प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।मनोज सिंह उज्जैन ने बताया कि विगत आठ वर्षों से वे निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब केंद्र और राज्य सरकार भी इस दिशा में सक्रिय हो रही हैं, जिसका वे स्वागत करते हैं। उनका कहना है कि जमशेदपुर शहर के कई निजी स्कूल शिक्षा के नाम पर व्यवसाय चला रहे हैं और अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहे हैं।
शहर के कई निजी स्कूलों ने छात्रों से विभिन्न प्रकार के शुल्क वसूलने के नए-नए तरीके निकाल लिए हैं। ट्यूशन फीस, डेवलपमेंट फीस, वार्षिक शुल्क और अन्य मदों के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। कुछ स्कूलों ने तो पूरे साल की फीस एकमुश्त जमा करने की अनिवार्यता तक लागू कर दी है, जिससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। महामारी के दौरान कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई थी, लेकिन इसके बावजूद निजी स्कूलों ने फीस में कोई रियायत नहीं दी।
उल्टा हर साल शुल्क बढ़ाकर छात्रों और उनके परिवारों पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।करणी सेना ने मांग की है कि जमशेदपुर के निजी स्कूलों की मनमानी पर तत्काल रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है और सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए। उ
नकी प्रमुख मांगों में फीस नियंत्रण कानून लागू करना, वर्ष भर की फीस एकमुश्त लेने पर प्रतिबंध लगाना, पारदर्शी फीस संरचना बनाना, सरकारी निगरानी समिति का गठन करना और फीस बढ़ोतरी के मामलों में अभिभावकों की राय को प्राथमिकता देना शामिल है।मनोज सिंह उज्जैन ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
पहले चरण में ज्ञापन सौंपने के बाद यदि सरकार और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो करनी सेना सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी। संगठन ने सभी अभिभावकों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्कूल प्रशासन ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया तो करनी सेना आगे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने प्रशासन से न्यायसंगत और पारदर्शी निर्णय लेने की अपील की।करणी सेना के इस आंदोलन को अभिभावकों का भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। कई अभिभावकों ने बताया कि वे स्कूलों की फीस नीतियों से परेशान हैं और प्रशासन से इस पर सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि शिक्षा का अधिकार सभी को है, लेकिन यदि निजी स्कूल इसी तरह फीस बढ़ाते रहेंगे तो मध्यम वर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करना मुश्किल हो जाएगा।
जमशेदपुर में करनी सेना ने निजी स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों के आर्थिक दोहन के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल दिया है। 5 अप्रैल को जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा और यदि जल्द ही समाधान नहीं मिला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या निजी स्कूलों की नीतियों में कोई सुधार होता है या नहीं।