Tribal Anger Jharkhand: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोमवार को मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार की कार्यशैली को आदिवासी विरोधी करार देते हुए कहा कि जो सरकार खुद को आदिवासियों की हितैषी बताती है, वही आज आदिवासियों पर लाठियां बरसा रही है।
चंपाई सोरेन ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब आदिवासियों की आवाज़ को बलपूर्वक दबाया गया। उन्होंने कहा, “पहले भोगनाडीह में लाठीचार्ज हुआ, फिर रांची सरना स्थल में आदिवासियों पर बल प्रयोग किया गया। इसके बाद नगड़ी रिम्स-2 मामले में भी लाठियां चलीं, और अब चाईबासा में आदिवासी महिलाओं और पुरुषों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।”
चंपाई सोरेन ने यह भी आरोप लगाया कि चाईबासा की हालिया घटना परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के निर्देश पर हुई। उन्होंने कहा कि मंत्री के आदेश पर प्रशासन ने शांतिपूर्ण तरीके से निवेदन करने आई आदिवासी भीड़ पर लाठियां बरसाईं। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि सरकार जनता की आवाज़ से डरने लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “यह कैसी आदिवासी सरकार है जो अपने ही समाज के दर्द को नहीं समझती। यह सरकार अंधी और बहरी हो गई है। अब आदिवासी ही इसे सबक सिखाएंगे।”उनके इस बयान ने राज्य की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि चंपाई सोरेन का यह बयान झारखंड की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत हो सकता है।
चंपाई सोरेन के इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने भी इस बयान को समर्थन देते हुए सरकार से जवाब मांगा है। कई आदिवासी संगठनों ने चाईबासा लाठीचार्ज मामले की न्यायिक जांच की मांग दोहराई है।
 
				 
											


