Trapped Elephant Death: दलदल में फंसा जंगली हाथी‚ इलाज के दौरान मौत

Trapped Elephant Death: सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत नीमडीह थाना क्षेत्र के चातरमा गांव की जंगल-तराई में दलदल में फंसे एक जंगली हाथी की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। हाथी की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में मायूसी और शोक का माहौल फैल

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Trapped Elephant Death: सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल वन क्षेत्र अंतर्गत नीमडीह थाना क्षेत्र के चातरमा गांव की जंगल-तराई में दलदल में फंसे एक जंगली हाथी की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। हाथी की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में मायूसी और शोक का माहौल फैल गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह जंगली हाथी पिछले कई दिनों से अस्वस्थ था। अत्यधिक भूख और कमजोरी के कारण वह पास के धान के खेत की कीचड़ में गिर गया, जहां दलदल में फंसने के बाद वह खुद को संभाल नहीं सका और उठ नहीं पाया। लगातार बिगड़ती हालत ने उसकी परेशानी और बढ़ा दी।

शनिवार सुबह ग्रामीणों ने हाथी को दलदल में फंसा और तड़पता देखा, जिसके बाद तुरंत इसकी सूचना चांडिल वन क्षेत्र के अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी सहित अन्य संसाधनों की मदद से हाथी को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया गया।

वन विभाग, पशु चिकित्सकों और स्थानीय ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास के बावजूद हाथी की स्थिति लगातार नाजुक बनी रही। लंबे समय तक चले बचाव और इलाज के प्रयासों के बाद रविवार को हाथी ने दम तोड़ दिया। हाथी की मौत के बाद ग्रामीणों ने परंपरागत रूप से पूजा-अर्चना कर रस्म अदायगी की।

इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा दुख और आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि भूख और कमजोरी से तड़पकर जंगली हाथी की मौत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि समय रहते समुचित देखभाल और प्रभावी व्यवस्था की गई होती, तो संभवतः हाथी की जान बचाई जा सकती थी।

चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी शशि प्रकाश रंजन ने बताया कि मृत हाथी पिछले करीब चार महीनों से बीमार था और उसका इलाज चल रहा था। हाथी किन परिस्थितियों में इस स्थान तक पहुंचा, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल वन विभाग मृत हाथी के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटा हुआ है।

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