Temple Winter Care: जमशेदपुर में दिसंबर की शुरुआत ने ही इस साल ठंड का ऐसा प्रकोप ढाया है कि कई वर्षों का तापमान रिकॉर्ड टूट गया है। अचानक गिरते तापमान ने आम लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। शहर की सड़कों पर सुबह-शाम के समय लोग अलाव, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं।
ठंड के बढ़ते असर का प्रभाव अब मंदिरों में भी दिखने लगा है। शहर के विभिन्न मंदिरों में भगवान की मूर्तियों को ठिठुरन से बचाने के लिए टोपी, कंबल और ऊनी स्वेटर पहनाए जा रहे हैं। कई मंदिरों में तो हीटर और अलाव की भी व्यवस्था की गई है, ताकि देवस्थल के वातावरण को गर्म रखा जा सके।भक्तों का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्तियों में देवत्व और चेतना का वास माना जाता है, इसलिए भगवान को ठंड से बचाना भी पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
साकची जेल चौक स्थित 10 नंबर मंदिर में भगवान भोलेनाथ, मां दुर्गा, सीताराम, हनुमान समेत सभी देवताओं की मूर्तियों को स्वेटर, टोपी और कंबल पहनाए गए हैं। मंदिर परिसर में हीटर और अलाव की भी व्यवस्था की गई है, ताकि देवताओं को ठंड से कोई परेशानी न हो।मंदिर के पुजारी दशरथ ओझा ने बताया कि हर साल ठंड का मौसम शुरू होते ही आसपास के भक्त और स्थानीय लोग भगवान के लिए नए ऊनी वस्त्र—जैसे स्वेटर, टोपी और कंबल—दान करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और हर सर्दी में देवताओं की विशेष सेवा की जाती है।
शहर में हो रही कड़ाके की सर्दी के कारण सुबह-सुबह बाजारों में रौनक कम दिख रही है, जबकि रात के समय सड़कें लगभग सुनसान हो जाती हैं। मौसम विभाग के अनुसार ठंड का यह दौर अभी और बढ़ सकता है। ऐसे में लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।


