Temple Demolition Row: आदित्यपुर थाना क्षेत्र के गुमटी बस्ती मार्ग स्थित मां मनसा देवी मंदिर के बाहरी हिस्से को रेलवे प्रशासन द्वारा तोड़े जाने के बाद स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी फैल गई है। मंदिर के छज्जा और चबूतरा तोड़े जाने के बाद घटना ने तूल पकड़ लिया है और श्रद्धालुओं में आस्था पर चोट पहुंचने की भावना देखी जा रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि रेलवे ने पहले मंदिर परिसर का सीमांकन किया था और आश्वासन दिया था कि मंदिर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। लोगों का आरोप है कि तय सीमांकन के बाहर होने के बावजूद मंदिर के बाहरी हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जिससे यह मामला विवाद का रूप ले चुका है।ग्रामीणों के अनुसार यह मंदिर कई दशकों पुराना है और उनके पूर्वज भी यहां पूजा-अर्चना करते थे। मंदिर के अचानक क्षतिग्रस्त किए जाने से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी इसी मार्ग के दूसरी ओर स्थित मां काली मंदिर को रेलवे ने अपनी सीमा में बताते हुए तोड़ दिया था। लोगों का कहना है कि लगातार धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाए जाने से क्षेत्र में भय और अविश्वास का माहौल बन रहा है।उन्होंने कहा कि संबंधित जमीन अनाबाद बिहार सरकार की जमीन बताई जाती है, और उस पर मंदिर स्थापित था। ऐसे में सीमांकन के बाद भी कार्रवाई होना “जानबूझकर उत्पीड़न” जैसा प्रतीत होता है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अंचल कार्यालय के अमीन, राजस्व कर्मियों और रेलवे अधिकारियों द्वारा पहले ही सीमांकन कर खंबा गाड़ा गया था। इसके बावजूद मंदिर तोड़ा जाना “निंदनीय और अनुचित” बताया गया है। लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई के पीछे “रोड चोरी” के नाम पर धार्मिक स्थलों को हटाने का डर फैलाया जा रहा है।
घटना के बाद स्थानीय लोग एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और रेलवे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि मंदिर का तत्काल पुनर्निर्माण किया जाए।लोगों ने दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग की है और कहा है कि भविष्य में किसी भी धार्मिक स्थल के साथ इस प्रकार की कार्रवाई न की जाए।


