Tata Power Workers: जमशेदपुर स्थित टाटा पावर कंपनी में कार्यरत मजदूरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर टाटा पावर मजदूर यूनियन ने अपनी आवाज बुलंद की है। यूनियन ने उप श्रमायुक्त के समक्ष आठ सूत्री मांग पत्र सौंपते हुए मजदूरों को उनके अधिकार दिलाने की मांग की है। इस पहल के बाद श्रम जगत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।
टाटा पावर मजदूर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने उप श्रमायुक्त से मुलाकात कर मजदूरों से जुड़े अहम मुद्दों को विस्तार से रखा। यूनियन का कहना है कि लंबे समय से मजदूर अपनी समस्याओं को लेकर कंपनी प्रबंधन और प्रशासन से गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन समाधान अपेक्षित नहीं हो पाया है।
यूनियन के महासचिव अम्बुज ठाकुर ने बताया कि मजदूरों को उनके तकनीकी ज्ञान और कार्यकुशलता के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया जाना चाहिए। इसी श्रेणीकरण के अनुसार वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने की मांग यूनियन ने रखी है, ताकि मजदूरों को उनके कौशल के अनुरूप पारिश्रमिक मिल सके।
मांग पत्र में यह भी कहा गया है कि मजदूरों को प्रति वर्ष बोनस का भुगतान किया जाए। इसके साथ ही टाटा पावर द्वारा शुरू की गई स्थाईकरण प्रक्रिया में उन मजदूरों को भी शामिल किया जाए, जो वर्षों से कंपनी में कार्यरत हैं लेकिन अब तक स्थाई नहीं किए गए हैं।
यूनियन नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि मजदूरों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो वे आगे आंदोलनात्मक कदम उठाने पर भी विचार कर सकते हैं। महासचिव अम्बुज ठाकुर ने कहा कि मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए यूनियन हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।


