Tata Contractor Dispute: जमशेदपुर में टाटा कंपनी के एक संवेदक पर मजदूरों को बिना किसी वैध कारण के काम से हटाने का आरोप लगा है। यह मामला अब जोर पकड़ता जा रहा है, और मजदूरों ने न्याय की उम्मीद में यूथ इंटक से सहायता प्राप्त की है। सोमवार को यूथ इंटक के प्रतिनिधि उप श्रमायुक्त से मिले और श्रमिकों के खिलाफ की जा रही इस कार्रवाई पर त्वरित कदम उठाने की मांग की।
मजदूरों का कहना है कि उन्होंने इस संदर्भ में मार्च महीने में ही उप श्रमायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे मजदूरों में निराशा और आक्रोश बढ़ गया है। लंबे समय तक न्याय न मिलने पर, उन्होंने अपनी शिकायत को यूथ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष सत्यम सिंह के सामने रखा।
प्रदेश अध्यक्ष सत्यम सिंह ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यह पूरी स्थिति न केवल असंवेदनशील है, बल्कि मजदूरों के अधिकारों का उल्लंघन भी है। उनके अनुसार, बिना किसी वैध कारण के मजदूरों को काम से हटाना पूरी तरह से गैरकानूनी है। यूथ इंटक मजदूरों के अधिकारों के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी, और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन भी किया जाएगा।
यूथ इंटक ने श्रम विभाग से आग्रह किया है कि वह शीघ्र इस मामले की जांच कर कार्रवाई करें ताकि मजदूरों को न्याय मिल सके। श्रमिकों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे और अधिक सख्त कदम उठाने पर विचार करेंगे। फिलहाल, श्रम विभाग की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
मजदूरों का कहना है कि उनकी मेहनत और अधिकारों का इस तरह से उल्लंघन नहीं किया जा सकता। उन्होंने भरोसा जताया है कि यूथ इंटक उनके साथ खड़ा रहेगा और उन्हें उनका हक दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।


