Sharmik Mitra Demand: झारखंड प्रदेश श्रमिक मित्र संघ, पूर्वी सिंहभूम जिला समिति के प्रतिनिधियों ने आज विभागीय मंत्री श्री संजय यादव से मुलाकात कर अपनी समस्याएं और लंबे समय से लंबित मानदेय भुगतान की मांग रखी। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी कर रहे थे।
प्रतिनिधियों ने मंत्री को बताया कि पूरे झारखंड में लगभग 3000 श्रमिक मित्र कार्यरत हैं, जबकि पूर्वी सिंहभूम जिले में यह संख्या 100 से अधिक है। ये श्रमिक मित्र राज्य सरकार की श्रम कल्याण योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने और लाभार्थियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद, इन श्रमिक मित्रों को कोई नियमित मानदेय नहीं मिल रहा है और केवल एक निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जाती है — वह भी अनियमित रूप से।
हाज़िरी भी नहीं ली जा रही‚ काम करवाकर भूले अधिकारी: संघ का आरोप
प्रतिनिधियों ने मंत्री से यह भी शिकायत की कि पूर्वी सिंहभूम जिले में कई श्रमिक मित्रों की हाज़िरी तक नहीं ली जा रही, जिससे उनकी उपस्थिति और कामकाज का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं बन पा रहा है। ऐसे में उन्हें मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिल पा रही, जिससे उनका श्रम और अधिकार दोनों उपेक्षित हो रहे हैं।
संघ ने इसे न केवल आर्थिक शोषण बल्कि सामाजिक उपेक्षा करार दिया। श्रमिक मित्रों का कहना है कि यदि सरकार की योजनाओं को सही तरीके से धरातल तक पहुँचाना है, तो मूलभूत संरचना और श्रमिक मित्रों के हितों की रक्षा जरूरी है।
मंत्री ने दिया कार्रवाई का भरोसा
विभागीय मंत्री संजय यादव ने पूरी बात को गंभीरता से सुनने के बाद प्रतिनिधियों को समस्या के शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि श्रमिक मित्रों की भूमिका को सरकार समझती है और उनकी जायज़ मांगों पर जल्द कार्यवाही की जाएगी ताकि सभी को उनका हक़ मिल सके।
प्रमुख पदाधिकारी रहे मौजूद‚ राज्य भर से जुटे प्रतिनिधि
इस अवसर पर श्रमिक मित्र जिला अध्यक्ष सुशेन कालिंदी के साथ पीतांबर हंसदा, किसंदर सरदार, खुदीराम मुर्मू, विनोद बा, टीबु सोरेन, सुनिर्मल किस्कू और झांटू महतो समेत जिले के सभी प्रखंडों से प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने एकजुटता से सरकार से अपील की कि श्रमिक मित्रों की भूमिका को सम्मान मिले और उनके अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।


